चंडीगढ़: खबरें आ रहीं थी कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई पार्टी बना सकते हैं. ये खबर सूबे की सियासत को नई हवा दे रही थी, लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ माहौल भी बदल रहा है. ऐसा लगता है कि दावे और अफवाह भी हकीकत में तब्दील होते नजर आ रहे हैं. लग रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा अब बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं.
कहां से निकली बात?
बात शुरू हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से. दरअसल कांग्रेस के कई नेताओं ने खुलकर अनुच्छेद 370 का समर्थन किया है. अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वालों में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी शामिल हैं. ऐसे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का पारा सातवें आसमान पर है. गुलाम नबी आजाद से जब ऐसे कांग्रेसी नेताओं के बारे में सवाल किया गया तो वह भड़क उठे.
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#WATCH: GN Azad, when asked that some leaders of the party are supporting abrogation of #Article370, says "Jin logon ko J&K ki history ya Congress ki history pata nahi unse mujhe koi lena dena nahi hai. Wo pehle J&K aur Congress ki history padh lein, phir Congress mein rahein." pic.twitter.com/ppRkLBNQia
— ANI (@ANI) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 6, 2019
अनुच्छेद 370 पर भिड़ गए कांग्रेसी नेता!
ये साफ दिखाई दे रहा है कि अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस दो भागों में बंट गई है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसी नेता फैसले के साथ हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है, उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे नेता पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़े, फिर कांग्रेस में रहे. गुलान नबी आजाद ने सीधे-सीधे ऐसे लोगों को कांग्रेस छोड़ने का संकेत दे दिया है.
हुड्डा परिवार ने किया था फैसले का स्वागत
वहीं भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया. दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस अनुच्छेद को लेकर ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है. हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया. दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, 'मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वी सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, उसके हित में भी है.'
हुड्डा की गुलाम नबी आजाद को दो टूक
गुलाम नबी आजाद के बयान पर जब पूर्व सीएम हुड्डा से प्रतिक्रिया मांगी गई तो वो गुस्से में आ गए. हुड्डा ने कहा कि वो हमें ना बताएं. मुझे जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस के इतिहास का ज्ञान है. ऐसे में पार्टी के सीनियर नेता को सार्वजनिक चैनल से ऐसे उत्तर देने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि वो जल्द ही नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं और अपनी पार्टी के दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं.