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पंजाब की सियासी उठापटक का हरियाणा में दिखने लगा असर, हुड्डा ने बुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठक

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Published : Sep 20, 2021, 9:12 PM IST

हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक बुलाई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में हुए सियासी उलट-पलट को देखते हुए हुड्डा ने ये बैठक बुलाई है.

bhupinder singh hooda
bhupinder singh hooda

चंडीगढ़: हाल ही में पंजाब की राजनीति में हुई सियासी उठापटक का असर हरियाणा की राजनीति में भी दिखाई देने लगा है. हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने 22 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक बुलाई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया गया है कि ये बैठक क्यों बुलाई गई है और ना ही विधायकों को बैठक के लिए कोई एजेंडा भेजा गया है. विधायकों से सिर्फ इतना कहा गया है कि बैठक कृषि कानूनों के विरोध को लेकर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई है.

वहीं कई जानकारों का ये मानना है कि पंजाब में हुई सियासी उठापटक के देखते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह बैठक बुलाई है क्योंकि कहीं ना कहीं पंजाब में हुई हलचल के बाद हुड्डा विरोधी खेमा भी सक्रिय हुआ है. हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी भी किसी से छुपी नहीं है. पहले अशोक तंवर और अब कुमारी सैलजा के साथ हुड्डा के मतभेद कई बार खुलकर सामने आ चुके हैं. हालांकि जब कांग्रेस हाईकमान की ओर से अशोक तंवर से प्रदेश अध्यक्ष का पद छीना गया था. तब हुड्डा खेमा इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा था.

ये भी पढ़ें- अमरिंदर सिंह ने गुरुग्रंथ साहिब की कसम खाई थी कि इस चुनाव के बाद क्रियाशील राजनीति में नहीं रहेंगे- सुरजेवाला

इसके बाद कांग्रेस के द्वारा कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद हुड्डा खेमे को निराशा हुई. भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई बार व्यक्तिगत तौर पर कुमारी सैलजा के खिलाफ हाईकमान से बात कर चुके हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान ने आज तक उनकी इस मांग पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. ऐसे में कुमारी सैलजा और उनके समर्थक विधायक भी अंदर ही अंदर हुड्डा की जड़े काटने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस हाईकमान में अच्छी पैठ है, लेकिन कैप्टन अमरिंदर के साथ हुए तख्तापलट को देखते हुए हुड्डा पहले से इस बात को लेकर तैयार रहना चाहते हैं कि हरियाणा कांग्रेस में ऐसी नौबत ना आए. फिलहाल बैठक के बाद ही है पता चल पाएगा कि हरियाणा कांग्रेस में क्या चल रहा है.

ये भी पढ़ें- कर्ण चौटाला ने ली चुटकी, कहा- 'जो हाल पंजाब में कैप्टन का हुआ, वैसा ही हरियाणा में हुड्डा का भी होगा'

गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस के भीतर लंबे समय तक चली तनातनी के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया था. 58 वर्षीय चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य का मुख्यमंत्री बने हैं. चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

चंडीगढ़: हाल ही में पंजाब की राजनीति में हुई सियासी उठापटक का असर हरियाणा की राजनीति में भी दिखाई देने लगा है. हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने 22 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक बुलाई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया गया है कि ये बैठक क्यों बुलाई गई है और ना ही विधायकों को बैठक के लिए कोई एजेंडा भेजा गया है. विधायकों से सिर्फ इतना कहा गया है कि बैठक कृषि कानूनों के विरोध को लेकर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई है.

वहीं कई जानकारों का ये मानना है कि पंजाब में हुई सियासी उठापटक के देखते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह बैठक बुलाई है क्योंकि कहीं ना कहीं पंजाब में हुई हलचल के बाद हुड्डा विरोधी खेमा भी सक्रिय हुआ है. हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी भी किसी से छुपी नहीं है. पहले अशोक तंवर और अब कुमारी सैलजा के साथ हुड्डा के मतभेद कई बार खुलकर सामने आ चुके हैं. हालांकि जब कांग्रेस हाईकमान की ओर से अशोक तंवर से प्रदेश अध्यक्ष का पद छीना गया था. तब हुड्डा खेमा इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा था.

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इसके बाद कांग्रेस के द्वारा कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद हुड्डा खेमे को निराशा हुई. भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई बार व्यक्तिगत तौर पर कुमारी सैलजा के खिलाफ हाईकमान से बात कर चुके हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान ने आज तक उनकी इस मांग पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. ऐसे में कुमारी सैलजा और उनके समर्थक विधायक भी अंदर ही अंदर हुड्डा की जड़े काटने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस हाईकमान में अच्छी पैठ है, लेकिन कैप्टन अमरिंदर के साथ हुए तख्तापलट को देखते हुए हुड्डा पहले से इस बात को लेकर तैयार रहना चाहते हैं कि हरियाणा कांग्रेस में ऐसी नौबत ना आए. फिलहाल बैठक के बाद ही है पता चल पाएगा कि हरियाणा कांग्रेस में क्या चल रहा है.

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गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस के भीतर लंबे समय तक चली तनातनी के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया था. 58 वर्षीय चन्नी पंजाब के पहले दलित नेता हैं, जो राज्य का मुख्यमंत्री बने हैं. चरणजीत सिंह चन्नी ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

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