चंडीगढ़: हरियाणा समेत कई राज्यों में कृषि अध्यादेश का विरोध अब और तेज होता जा रहा है. इस अध्यादेश के खिलाफ किसान, व्यापारी और विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है. लेकिन केंद्र सरकार इस अध्यादेश पर अपने कदम वापस खींचने के मूड में नहीं लग रही है. जिसके बाद विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं.
कृषि अध्यादेश पर विपक्ष ने विशेष सत्र की मांग की
इस अध्यादेश का सबसे ज्यादा विरोध हरियाणा और पंजाब में हो रहा है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृषि अध्यादेश को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने तीनों कृषि अध्यादेश के विरोध और कृषि अध्यादेश पर बहस के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है.
एमएसपी को लेकर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने विशेष सत्र की बुलाए जाने की मांग को लेकर राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ज्ञापन भी सौंपा है. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने बाद उन्होंने एक प्रेसवार्ता की. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस अध्यादेश के आने के बाद किसानों को अपनी फसल की एमएसपी नहीं मिलेगी.
हुड्डा ने चौथे अध्यादेश की मांग की
उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नीयत साफ है तो सरकार को इन तीन अध्यादेशों के साथ चौथा अध्यादेश भी लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि चौथे अध्यादेश में एमएसपी से नीचे दाम देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उसे दंडनीय अपराध माना जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से विधानसभा के विशेष सत्र को बुलाने की मांग की गई है ताकि तीनों विधायकों पर चर्चा और बहस की जा सके. हुड्डा ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को काफी नुकसान होगा. इस फार्मिंग से किसानों का मालिकाना हक नहीं रहेगा और ना ही किसान कोर्ट में जा सकेगा.
हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर दी प्रतिक्रिया
नेता विपक्ष ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने आपको किसान हितेषी बताती है, अगर वो किसान हितेषी होती तो शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर को इस्तीफा क्यों देती?
हुड्डा ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बहुत कम और बहुत ही लेट है. उनके इस्तीफे देने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उपमुख्यमंत्री दुष्ंयत चौटाला से भी इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा था. बता दें कि इस बिल के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
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