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हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए होगी आयुष चिकित्सकों की भर्ती

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Published : Dec 1, 2022, 6:27 PM IST

हरियाणा लोक सेवा आयोग (haryana public service commission) के माध्यम से आयुष चिकित्सकों के 205 पद जल्द भरे जाएंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई.

haryana public service commission
haryana public service commission

चंडीगढ़: सूबे में जल्द ही हरियाणा लोक सेवा आयोग (haryana public service commission) (एचपीएससी) के माध्यम से आयुष चिकित्सकों के 205 पद भरे जाएंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. जिसके बाद अब आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के 175 पद, रेजिडेंट फिजिशियन, यूनानी चिकित्सक, आयुर्वेद चिकित्सक के 4 पद, यूनानी चिकित्सा अधिकारी के 8 पद और होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के 18 पद भरे जाएंगे.

हालांकि, पहले ये निर्णय लिया गया था कि आयुष डॉक्टरों की भर्ती (ayush doctors recruited in haryana) को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर किया जाएगा, परंतु अब ये सभी पद एचपीएससी के माध्यम से ही भरे जाएंगे. मंत्रिमंडल की बैठक में प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 (1985 का केंद्रीय अधिनियम 13) की धारा 35 के तहत हरियाणा प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2022 के प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई. ये नियम राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे.

सीएम ने कहा कि संशोधन कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा उठाए गए प्रश्नों के अनुपालन में किया गया है. संशोधन के बाद, हरियाणा प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियमों के प्रारूप में केरल प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (प्रक्रिया) संशोधन नियम, 2021 की तर्ज पर ई-फाइलिंग की प्रक्रिया जोड़ी गई है तथा पंचकूला में ट्रिब्यूनल की बैठक का भी उल्लेख किया गया है. मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित पुराने व अप्रासंगिक हो चुके 4 अधिनियमों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा कैबिनेट की बैठक: 22 दिसंबर से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, स्कैप पॉलिसी लागू

न्यायमूर्ति इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने इन कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है. हरियाणा सरकार ने ऐसे कानूनों की पहचान करने के लिए जो आर्थिक उदारीकरण के मौजूदा माहौल के अनुरूप नहीं हैं और जिन्हें बदलने या निरस्त करने की आवश्यकता है. इसके लिए न्यायमूर्ति इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हरियाणा संविधि समीक्षा समिति का गठन किया था. कमेटी ने पंजाब स्मॉल टाउन (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब अर्बन इमूवेबल प्रॉपर्टी टैक्स (वेलिडेशन ऑफ लिस्ट्स) एक्ट, 1943 और पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1956 को निरस्त करने की सिफारिश की.

चंडीगढ़: सूबे में जल्द ही हरियाणा लोक सेवा आयोग (haryana public service commission) (एचपीएससी) के माध्यम से आयुष चिकित्सकों के 205 पद भरे जाएंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई. जिसके बाद अब आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के 175 पद, रेजिडेंट फिजिशियन, यूनानी चिकित्सक, आयुर्वेद चिकित्सक के 4 पद, यूनानी चिकित्सा अधिकारी के 8 पद और होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के 18 पद भरे जाएंगे.

हालांकि, पहले ये निर्णय लिया गया था कि आयुष डॉक्टरों की भर्ती (ayush doctors recruited in haryana) को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर किया जाएगा, परंतु अब ये सभी पद एचपीएससी के माध्यम से ही भरे जाएंगे. मंत्रिमंडल की बैठक में प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 (1985 का केंद्रीय अधिनियम 13) की धारा 35 के तहत हरियाणा प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2022 के प्रारूप को मंजूरी प्रदान की गई. ये नियम राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे.

सीएम ने कहा कि संशोधन कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा उठाए गए प्रश्नों के अनुपालन में किया गया है. संशोधन के बाद, हरियाणा प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियमों के प्रारूप में केरल प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (प्रक्रिया) संशोधन नियम, 2021 की तर्ज पर ई-फाइलिंग की प्रक्रिया जोड़ी गई है तथा पंचकूला में ट्रिब्यूनल की बैठक का भी उल्लेख किया गया है. मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित पुराने व अप्रासंगिक हो चुके 4 अधिनियमों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है.

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न्यायमूर्ति इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने इन कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है. हरियाणा सरकार ने ऐसे कानूनों की पहचान करने के लिए जो आर्थिक उदारीकरण के मौजूदा माहौल के अनुरूप नहीं हैं और जिन्हें बदलने या निरस्त करने की आवश्यकता है. इसके लिए न्यायमूर्ति इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हरियाणा संविधि समीक्षा समिति का गठन किया था. कमेटी ने पंजाब स्मॉल टाउन (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब अर्बन इमूवेबल प्रॉपर्टी टैक्स (वेलिडेशन ऑफ लिस्ट्स) एक्ट, 1943 और पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1956 को निरस्त करने की सिफारिश की.

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