चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वो कोरोना मरीजों के इलाज और अस्पताल में दाखिल करने की प्रक्रिया में कोई कोताही न बरतें. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ये देखने में आया है कि अस्पतालों में वीआईपी के आगमन पर कोविड मरीजों के इलाज और उनके भर्ती होने में बाधा उत्पन्न होती है. इससे न सिर्फ मरीजों की हालत बिगड़ने का अंदेशा रहता है बल्कि उनके परिजनों को भी भारी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है.
अनिल विज ने कहा कि हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता मरीज और उनका इलाज करना है, इसलिए सभी सीएमओ ये सुनिश्चित करें कि किसी भी वीआईपी की मूवमेंट से मरीजों की अनदेखी ना हो और उनका पूरी तरह से इलाज और देखभाल की जाए.
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बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ये आदेश तब जारी किए हैं जब गुरुवार को जींद सिविल अस्पताल से एक ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां अधिकारी और डॉक्टर प्रोटोकॉल के तहत सीएम मनोहर लाल के साथ खड़े रहे और कोरोना मरीजों को इलाज के लिए करीब 1 घंटे का इंतजार करना पड़ा था.
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इसके साथ ही विज ने हरियाणा के सभी सामाजिक, राजनीतिक, व्यावसायिक और धार्मिक संगठनों सहित अन्य इच्छुक संस्थाओं को उनके क्षेत्र के अस्पतालों में दाखिल कोरोना मरीजों के लिए ‘रोटी बैंक’ शुरू करने की भी अपील की है. इससे अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों और उनके तीमारदारों की सेवा हो सकेगी.
अनिल विज ने अंबाला कैंट के अस्पताल में करीब 4 वर्षो से चलाए जा रहे रोटी बैंक की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये रोटी बैंक अस्पताल में दाखिल मरीज और उनके रिश्तेदारों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है.