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अनिल विज का कांग्रेस पर वार, कहा-अपने गिरेबान में झांकें, 1975 और 1982 में रौंदा संविधान

संविधान दिवस के मौके पर हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में महाराष्ट्र में चल रहे चुनाव घमासान पर सरकार और नेता प्रतिपक्ष की तीखी नौंकझोंक हुई. यहां गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए. जानने के लिए पढ़ें खबर....

गृह मंत्री अनिल विज
गृह मंत्री अनिल विज
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Published : Nov 27, 2019, 9:42 AM IST

चंडीगढ़: 26 नवंबर को देशभर में संविधान दिवस मनाया गया. इस मौके पर हरियाणा की नई सरकार ने एक दिन का विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया. सरकार की ओर से सदन में सरकारी संकल्प पत्र रखा गया जिसका विपक्ष ने भी पूरा सहयोग किया. इस मौके पर सदन में कांग्रेस और सरकार के बीच तीखी बहस भी हुई.

विज ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने संविधान के साथ खिलवाड़ किया है. महाराष्ट्र में गवर्नर ने एक पार्टी को खुश करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है. तो इस पर गृह मंत्री अनिल विज काफी तल्ख में दिखे. अनिल विज ने इस पर कांग्रेस को सदन में ही घेर लिया. सदन की कार्यवाही खत्म हो जाने के बाद मीडिया से बाद अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस को ये कहने का कोई अधिकार नहीं है.

अनिल विज का बयान, देखें वीडियो

कांग्रेस ने लगाई इमरजेंसी
अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून 1975 को रातों रात संविधान को रौंद दिया था. आप ने देश भर मे रातों रात आपातकाल लगा दिया था. बिना वजह देश के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया. आपातकाल के दौरान अटल बिहारी वाजेपयी, लाल कृष्ण आडवाणी जैसे देश के तमाम नेताओं को जेलों में डाल दिया था.

ये भी पढे़ं:- महाराष्ट्र की 'नौटंकी' हरियाणा की कार्बन कॉपी! देवीलाल ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को मारा था तमाचा

कांग्रेस ने भजन लाल को बनाया था मुख्यमंत्री
हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा है. 1982 में जब देवीलाल मुख्यमत्री बनने वाले थे. उन्होंने परेड कर दी थी. उनके पास पूर्ण बहुमत था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने भजन लाल को मुख्यमंत्री बना दिया था. 1979 में भजन लाल जनता पार्टी से मुख्यमंत्री थे और सारे विधायक लेकर कांग्रेस में चले गए थे. इन को अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए. संविधान आज भी मूल भावना से चल रहा है लेकिन ये जानपूछकर इसको मुद्दा बनाना चाहते हैं.

क्या हुआ था हरियाणा में ?
वो साल था 1982 हरियाणा में भी महाराष्ट्र जैसी राजनीतिक नौटंकी हुई थी. हरियाणा का राजनीतिक इतिहास बताता है कि उस वक्त भी एक राज्यपाल को विलेन के किरदार में बताया गया था.

1982 में त्रिशंकु विधानसभा

दरअसल 1982 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा अस्तित्व में आई. कांग्रेस-आई को 35 सीटें मिलीं और लोकदल को 31 सीटें. छह सीटें लोकदल की सहयोगी बीजेपी को मिलीं. इन नतीजों से प्रदेश की पूरी राजनीति ही बदल गई थी और राज्यपाल ने कांग्रेस नेता चौधरी भजन लाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी.

ऐसे हुई थी विधायकों की परेड

इसका पता जब लोकदल के नेता चौधरी देवीलाल को लगा तो वे अपने सभी विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए. इसी के साथ उन्होंने अपने सभी विधायकों की परेड भी कराई और दावा किया कि उनके पास बहुमत है और उन्हें ही सीएम की शपथ दिलाई जाए.

चंडीगढ़: 26 नवंबर को देशभर में संविधान दिवस मनाया गया. इस मौके पर हरियाणा की नई सरकार ने एक दिन का विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित किया. सरकार की ओर से सदन में सरकारी संकल्प पत्र रखा गया जिसका विपक्ष ने भी पूरा सहयोग किया. इस मौके पर सदन में कांग्रेस और सरकार के बीच तीखी बहस भी हुई.

विज ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने संविधान के साथ खिलवाड़ किया है. महाराष्ट्र में गवर्नर ने एक पार्टी को खुश करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है. तो इस पर गृह मंत्री अनिल विज काफी तल्ख में दिखे. अनिल विज ने इस पर कांग्रेस को सदन में ही घेर लिया. सदन की कार्यवाही खत्म हो जाने के बाद मीडिया से बाद अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस को ये कहने का कोई अधिकार नहीं है.

अनिल विज का बयान, देखें वीडियो

कांग्रेस ने लगाई इमरजेंसी
अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून 1975 को रातों रात संविधान को रौंद दिया था. आप ने देश भर मे रातों रात आपातकाल लगा दिया था. बिना वजह देश के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया. आपातकाल के दौरान अटल बिहारी वाजेपयी, लाल कृष्ण आडवाणी जैसे देश के तमाम नेताओं को जेलों में डाल दिया था.

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कांग्रेस ने भजन लाल को बनाया था मुख्यमंत्री
हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा है. 1982 में जब देवीलाल मुख्यमत्री बनने वाले थे. उन्होंने परेड कर दी थी. उनके पास पूर्ण बहुमत था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने भजन लाल को मुख्यमंत्री बना दिया था. 1979 में भजन लाल जनता पार्टी से मुख्यमंत्री थे और सारे विधायक लेकर कांग्रेस में चले गए थे. इन को अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए. संविधान आज भी मूल भावना से चल रहा है लेकिन ये जानपूछकर इसको मुद्दा बनाना चाहते हैं.

क्या हुआ था हरियाणा में ?
वो साल था 1982 हरियाणा में भी महाराष्ट्र जैसी राजनीतिक नौटंकी हुई थी. हरियाणा का राजनीतिक इतिहास बताता है कि उस वक्त भी एक राज्यपाल को विलेन के किरदार में बताया गया था.

1982 में त्रिशंकु विधानसभा

दरअसल 1982 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा अस्तित्व में आई. कांग्रेस-आई को 35 सीटें मिलीं और लोकदल को 31 सीटें. छह सीटें लोकदल की सहयोगी बीजेपी को मिलीं. इन नतीजों से प्रदेश की पूरी राजनीति ही बदल गई थी और राज्यपाल ने कांग्रेस नेता चौधरी भजन लाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी.

ऐसे हुई थी विधायकों की परेड

इसका पता जब लोकदल के नेता चौधरी देवीलाल को लगा तो वे अपने सभी विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए. इसी के साथ उन्होंने अपने सभी विधायकों की परेड भी कराई और दावा किया कि उनके पास बहुमत है और उन्हें ही सीएम की शपथ दिलाई जाए.

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