चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal) सोमवार को चंडीगढ़ में 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा (Review of Projects in Haryana) के लिए प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की. बैठक में तकनीकी शिक्षा, बिजली, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), वास्तुकला, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, सिंचाई एवं जल संसाधन, सहकारिता और गृह विभाग सहित 10 विभागों की 100 करोड़ रुपये से अधिक की 54 परियोजनाओं पर चर्चा की गई. इन 54 परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 16 हजार करोड़ रुपये है.
मुख्य सचिव ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्राथमिकताओं में से एक है. प्रशासनिक सचिव निर्धारित माइलस्टोन को ध्यान में रखते हुए इन जनकल्याणकारी परियोजनाओं के कार्य को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करना सुनिश्चित करें. बैठक में 100 करोड़ रुपये से अधिक की पूरी हो चुकी बड़ी परियोजनाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम में सेक्टर-14, 17, 30, 31, 32, 40, झारसा और डीएलएफ डिवीजन के तहत मौजूदा 11 केवी फीडर लाइन का नवीनीकरण कार्य 255.8 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जा चुका है.
इसी प्रकार, 151.57 करोड़ रुपये की लागत से करनाल-मेरठ रोड, एनएच 709ए की 6 लेन का चौड़ीकरण, 247.25 करोड़ रुपये की लागत से राय मिलकपुर से खड़क कॉरिडोर एवं भिवानी बाईपास तक 4 लेन सड़क का निर्माण, 105.92 करोड़ रुपये की लागत से गुरुग्राम में 576 बहुमंजिला मकानों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. बैठक में बताया गया कि झिरका एवं नगीना खण्ड के 80 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के जलापूर्ति में वृद्धि हेतु 210.9 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया जा रहा है. इतना ही नहीं, भालखी, महेंद्रगढ़ में 114.7 करोड़ की लागत से अमल में लाई जा रही जलापूर्ति योजना का कार्य पूरा होने की कगार पर है.
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को चल रही परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने और काम में आ रही सभी दिक्कतों को शीघ्र-अति शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में देरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कौशल ने कहा कि नोडल अधिकारी किसी भी परियोजना की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें अपने काम को समय सीमा से पहले पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. आपसी समन्वय से हर परियोजना को तेजी से पूरा किया जा सकता है, इसलिए यदि किसी विभाग में एक से अधिक नोडल अधिकारी हैं तो वे आपसी तालमेल से काम करें. उन्होंने अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा में योजना बनाकर रिपोर्ट भिजवाने, महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए अंतर विभागीय समन्वय को मजबूत करने के भी निर्देश दिए.