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रतनलाल कटारिया के निधन के बाद क्या अंबाला लोकसभा सीट पर होगा उपचुनाव? जानें क्या हैं नियम

बीजेपी सांसद रतनलाल कटारिया के निधन के बाद अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं. लोकसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का वक्त रह गया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा या नहीं.

ambala lok sabha by election
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Published : May 19, 2023, 5:36 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रतनलाल कटारिया के निधन के बाद अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव की चर्चाएं तेज होने लगी हैं. बड़ा सवाल ये भी है कि दिग्गज नेता रतनलाल कटारिया की मौत के बाद बीजेपी इस सीट पर किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी. लोकसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का वक्त रह गया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा? अगर होगा तो कब तक होगा?

नियमों की बात करें तो किसी भी सीट यानी विधानसभा हो या लोकसभा. उस सीट के खाली होने पर 6 महीने के अंदर चुनाव जरूरी होता है, लेकिन अगर विधानसभा या लोकसभा के कार्यकाल के लिए 1 साल का वक्त रह जाता है, तो फिर ये चुनाव करवाना जरूरी नहीं रह जाता. इस मामले में अब चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वो चर्चा कर किस नतीजे पर पहुंचते हैं. क्योंकि करीब डेढ़ साल का वक्त लोकसभा चुनाव के लिए रह गया है.

किसी भी चुनाव को करवाने के लिए उसकी तैयारियों में करीब 2 से 3 महीने का वक्त लगता है. ऐसे में अभी ये स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि अंबाला लोकसभा सीट के लिए उप चुनाव होगा या नहीं. वहीं बीजेपी के लिए इस सीट के लिए नया उम्मीदवार तलाश करना है. जिसके लिए पार्टी को मंथन भी करना पड़ेगा. माना जा रहा है कि अगर इस सीट पर उपचुनाव होता है, तो बीजेपी स्वर्गीय रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को चुनाव मैदान में उतार सकती है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव? बीजेपी और जेजेपी ने बनाया ये प्लान

अंबाला लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार को तौर पर सुदेश कटारिया का नाम भी सामने आ रहा है, जो पार्टी प्रवक्ता हैं. या ये भी हो सकता है इस सीट पर दावेदारी के लिए कोई और भी आगे आए. वर्तमान हालातों में अभी बंतो कटारिया की दावेदारी ही इस सीट पर मजबूत दिखाई दे रही है. अगर इस सीट पर बीजेपी जीत दर्ज करती है, तो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उसे फायदा होगा, अगर दूसरी पार्टी जीत दर्ज करती है तो इसका फायदा वो आगामी चुनाव में उठाएगी.

चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रतनलाल कटारिया के निधन के बाद अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव की चर्चाएं तेज होने लगी हैं. बड़ा सवाल ये भी है कि दिग्गज नेता रतनलाल कटारिया की मौत के बाद बीजेपी इस सीट पर किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी. लोकसभा चुनाव के लिए करीब डेढ़ साल का वक्त रह गया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा? अगर होगा तो कब तक होगा?

नियमों की बात करें तो किसी भी सीट यानी विधानसभा हो या लोकसभा. उस सीट के खाली होने पर 6 महीने के अंदर चुनाव जरूरी होता है, लेकिन अगर विधानसभा या लोकसभा के कार्यकाल के लिए 1 साल का वक्त रह जाता है, तो फिर ये चुनाव करवाना जरूरी नहीं रह जाता. इस मामले में अब चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वो चर्चा कर किस नतीजे पर पहुंचते हैं. क्योंकि करीब डेढ़ साल का वक्त लोकसभा चुनाव के लिए रह गया है.

किसी भी चुनाव को करवाने के लिए उसकी तैयारियों में करीब 2 से 3 महीने का वक्त लगता है. ऐसे में अभी ये स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि अंबाला लोकसभा सीट के लिए उप चुनाव होगा या नहीं. वहीं बीजेपी के लिए इस सीट के लिए नया उम्मीदवार तलाश करना है. जिसके लिए पार्टी को मंथन भी करना पड़ेगा. माना जा रहा है कि अगर इस सीट पर उपचुनाव होता है, तो बीजेपी स्वर्गीय रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को चुनाव मैदान में उतार सकती है.

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अंबाला लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार को तौर पर सुदेश कटारिया का नाम भी सामने आ रहा है, जो पार्टी प्रवक्ता हैं. या ये भी हो सकता है इस सीट पर दावेदारी के लिए कोई और भी आगे आए. वर्तमान हालातों में अभी बंतो कटारिया की दावेदारी ही इस सीट पर मजबूत दिखाई दे रही है. अगर इस सीट पर बीजेपी जीत दर्ज करती है, तो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उसे फायदा होगा, अगर दूसरी पार्टी जीत दर्ज करती है तो इसका फायदा वो आगामी चुनाव में उठाएगी.

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