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आपातकाल की कहानी: जब 23 साल के लड़के से डर गई थी कांग्रेस, उंगलियों में बिजली की तार डालकर लगाया था करंट - emergency india jail electrci shock

देश में 46 साल पहले आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लगाई गई थी. जो 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक लागू थी. इमरजेंसी के दौरान सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे बहुत से लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था. हरियाणा और पंजाब के भी कई लोगों को जेल में डाला गया था. एडिशनल सॉलिसिटर ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने ईटीवी भारत से बात करते हुए उस दौरान की यादें ताजा की.

Satyapal Jain during Emergency
Satyapal Jain during Emergency
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Published : Jun 25, 2021, 5:56 PM IST

चंडीगढ़ः साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी घोषित की तब देश के लोगों ने बेहद बुरे हालात देखे. उस समय इमरजेंसी का असर हरियाणा में भी देखा गया था. उस दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लोगों पर जमकर अत्याचार किए गए. बहुत से निर्दोष लोगों को जबरन पकड़ कर जेल में डाला जा रहा था, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन भी इन्हीं लोगों में से एक थे. उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था.

ईटीवी भारत के साथ उन दिनों की यादें ताजा करते हुए सत्यपाल जैन बताते हैं कि उस समय वे 23 साल के थे और चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. वो यूनिवर्सिटी छात्र संघ में महासचिव भी थे. जब देश में इमरजेंसी लगाई गई तब उन्हें भी पकड़ कर जेल में डाल दिया गया और जेल में उन्हें तमाम यातनाएं दी गई. वह बताते हैं कि पुलिस ने उनकी उंगलियों में बिजली की तार डालकर उन्हें करंट के झटके दिए थे और उन्हें करीब 1 साल तक जेल में रखा गया था.

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन की इमरजेंसी पर बातचीत

ये भी पढ़ेंः 1975 में देश पर थोपी गई इमरजेंसी, सत्ता हरण के दुस्साहस को भुलाया नहीं जा सकता: मनोहर लाल

रैली करने पर दी गई थी सजा

उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की सजा दी जा रही थी कि आपातकाल लगने से दो-तीन महीने पहले दिल्ली में एक रैली आयोजित की गई थी. उस रैली में भी चंडीगढ़ से कई हजार लोगों को लेकर पहुंचे थे, जिसकी खबर पहले से ही सीआईडी को थी.

उन्होंने बताया कि वे चंडीगढ़ में लगातार कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. जिस वजह से कांग्रेस पार्टी को लगा कि इस इलाके में यह लड़का अपनी पैठ बना रहा है और लोगों को अपने विचारों से प्रभावित कर रहा है. कांग्रेस को अंदेशा था कि लोग उनके खिलाफ हो सकते हैं, इस वजह से उन्हें आपातकाल शुरू होते ही जेल में डाल दिया गया.

ये भी पढ़ेंः 4 माह के बच्चे को तेजाब पिलाने वाली महिला को अब हो रहा पछतावा, रो-रोकर कह रही सिर्फ ये बात

उन्होंने आगे बताया कि अगर हरियाणा की बात की जाए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और हरियाणा सरकार भी लोगों पर खूब अत्याचार कर रही थी. उस वक्त संजय गांधी ने देश में नसबंदी का कार्यक्रम चलाया था. उस दौरान चंडीगढ़ से जो बसें दिल्ली की तरफ जाती थी, उन्हें हरियाणा में रोककर लोगों की जबरदस्ती नसबंदी कर दी जाती थी. कुल मिलाकर इमरजेंसी के दौरान हरियाणा के हालात पंजाब और चंडीगढ़ से ज्यादा खराब थे, और इमरजेंसी की वो बुरी यादें हमेशा जहन में रहती हैं.

चंडीगढ़ः साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी घोषित की तब देश के लोगों ने बेहद बुरे हालात देखे. उस समय इमरजेंसी का असर हरियाणा में भी देखा गया था. उस दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लोगों पर जमकर अत्याचार किए गए. बहुत से निर्दोष लोगों को जबरन पकड़ कर जेल में डाला जा रहा था, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन भी इन्हीं लोगों में से एक थे. उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था.

ईटीवी भारत के साथ उन दिनों की यादें ताजा करते हुए सत्यपाल जैन बताते हैं कि उस समय वे 23 साल के थे और चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. वो यूनिवर्सिटी छात्र संघ में महासचिव भी थे. जब देश में इमरजेंसी लगाई गई तब उन्हें भी पकड़ कर जेल में डाल दिया गया और जेल में उन्हें तमाम यातनाएं दी गई. वह बताते हैं कि पुलिस ने उनकी उंगलियों में बिजली की तार डालकर उन्हें करंट के झटके दिए थे और उन्हें करीब 1 साल तक जेल में रखा गया था.

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन की इमरजेंसी पर बातचीत

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रैली करने पर दी गई थी सजा

उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की सजा दी जा रही थी कि आपातकाल लगने से दो-तीन महीने पहले दिल्ली में एक रैली आयोजित की गई थी. उस रैली में भी चंडीगढ़ से कई हजार लोगों को लेकर पहुंचे थे, जिसकी खबर पहले से ही सीआईडी को थी.

उन्होंने बताया कि वे चंडीगढ़ में लगातार कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. जिस वजह से कांग्रेस पार्टी को लगा कि इस इलाके में यह लड़का अपनी पैठ बना रहा है और लोगों को अपने विचारों से प्रभावित कर रहा है. कांग्रेस को अंदेशा था कि लोग उनके खिलाफ हो सकते हैं, इस वजह से उन्हें आपातकाल शुरू होते ही जेल में डाल दिया गया.

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उन्होंने आगे बताया कि अगर हरियाणा की बात की जाए तो उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और हरियाणा सरकार भी लोगों पर खूब अत्याचार कर रही थी. उस वक्त संजय गांधी ने देश में नसबंदी का कार्यक्रम चलाया था. उस दौरान चंडीगढ़ से जो बसें दिल्ली की तरफ जाती थी, उन्हें हरियाणा में रोककर लोगों की जबरदस्ती नसबंदी कर दी जाती थी. कुल मिलाकर इमरजेंसी के दौरान हरियाणा के हालात पंजाब और चंडीगढ़ से ज्यादा खराब थे, और इमरजेंसी की वो बुरी यादें हमेशा जहन में रहती हैं.

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