चंडीगढ़: इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला (Abhay Chautala) ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के (Haryana Assembly Winter session) दूसरे दिन एचपीएससी भर्ती घोटाले (hpsc recruitment scam) पर बहस के दौरान भाजपा गठबंधन सरकार पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा कि पहले दो दर्जन पेपर लीक मामले में सरकार और एचएसएससी पर गंभीर आरोप लगे, उसके बाद एचपीएससी जो ए और बी क्लॉस की नियुक्तियां करती है उस पर करोड़ों रुपए लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में सरकार के अलावा दो और एजेंसियां हैं जो रोजगार उपलब्ध करवाती हैं और आज तीनों ही नौकरियां बेचने के आरोप में कटघरे में खड़ी हैं. हरियाणा का पढ़ा लिखा योग्य युवा सरकार के प्रति गुस्से में है, आक्रोषित है और अपने भविष्य को लेकर नाउम्मीद है. अभय चौटाला ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि आप 'ना पर्ची ना खर्ची' का झूठ जनता में फैलाते रहे, लेकिन अब तो खर्ची पर्ची नहीं, रुपयों का बैग भरा है तो कहीं जाकर रोजगार मिलने की उम्मीद बंधती है और उसकी भी गारंटी नहीं है.
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मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि एचपीएससी में जो उपसचिव का पद है क्या वो स्वीकृत है? और अगर स्वीकृत नहीं है तो आप बताएं कि किसी व्यक्ति को उस पद पर कैसे नियुक्त किया गया है. यूपीएससी 1997 ग्रुप ए सेवा नियम के अनुसार उसमें उप-सचिव का कोई पद नहीं है केवल कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन का पद शामिल है जबकि आपने उप-सचिव लगा रखा है. आपने कहा कि इस पद पर नियुक्ति भूपेंद्र हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुई थी, अगर भूपेंद्र हुड्डा ने गलत काम करवाने के लिए कोई गलत फैसला कर रखा है तो आप भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते चले गए, आपने उस पद को खत्म क्यों नहीं किया.
अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने एचपीएससी के चेयरमैन के पद पर जिस आलोक वर्मा को नियुक्त किया हुआ है, वह मध्यप्रदेश के वन विभाग कैडर का है. क्या हरियाणा प्रदेश में आपको एक भी योग्य व्यक्ति नहीं मिला. जिसे इतने जिम्मेदार पद पर नियुक्त किया जा सके. पहले आपने आलोक वर्मा को अपना एडीसी नियुक्त किया फिर उसी को इसलिए एचपीएससी का चेयरमैन नियुक्त कर दिया क्योंकि आप अपनी मनमर्जी के लोगों को रुपए लेकर एचसीएस के पदों पर नियुक्त कर सको, जो आज साबित भी हो चुका है कि करोड़ों रुपए लेकर नौकरियां दी जा रही हैं.
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बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए. तब अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं.
इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया था. फिलहाल हरियाणा सरकार ने मामले में मुख्य आरोपी HCS अनिल नागर को बर्खास्त कर दिया है.
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