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AAP ने जारी की 22 उम्मीदवारों की लिस्ट, जानिए कहां से किसको मिला टिकट? - haryana aap candidate list

हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इधर चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया और उधर आम आदमी पार्टी ने अपने 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.

अरविंद केजरीवाल
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Published : Sep 22, 2019, 12:23 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. 21 सितंबर को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को परिणाम आएंगे. अब चूंकी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, तो सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू करेगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार छलांग लगाने वाली आम आदमी पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने अपने 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

आम आदमी पार्टी के उम्मीदारों की सूची-

aam aadmi party haryana candidate list
आम आदमी पार्टी के उम्मीदारों की सूची

हरियाणा में 'आप' का हाल
हरियाणा में आम आदमी पार्टी इस बार पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है. पार्टी सभी 90 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. इसी कड़ी में पार्टी ने अब तक उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

लोकसभा चुनाव में ये थी स्थिति

हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जेजेपी से गठबंधन किया था. आम आदमी पार्टी ने 3 सीटों पर तो जेजेपी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों की बूरी हार हुई थी. लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 0.4 पर रह गया था. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 4.2% था.

ये भी पढ़ें- आचार संहित लागू होते ही बोले रतन लाल कटारिया, '85 सीटें जीतेगी बीजेपी'

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. 21 सितंबर को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को परिणाम आएंगे. अब चूंकी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, तो सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू करेगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहली बार छलांग लगाने वाली आम आदमी पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने अपने 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

आम आदमी पार्टी के उम्मीदारों की सूची-

aam aadmi party haryana candidate list
आम आदमी पार्टी के उम्मीदारों की सूची

हरियाणा में 'आप' का हाल
हरियाणा में आम आदमी पार्टी इस बार पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है. पार्टी सभी 90 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. इसी कड़ी में पार्टी ने अब तक उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

लोकसभा चुनाव में ये थी स्थिति

हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जेजेपी से गठबंधन किया था. आम आदमी पार्टी ने 3 सीटों पर तो जेजेपी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों की बूरी हार हुई थी. लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 0.4 पर रह गया था. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 4.2% था.

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Intro:एंकर -
हरियाणा पर लगातार बढ़ रहा कर्ज का बोझ किसी से छिपा नहीं है पिछले 5 साल में हरियाणा पर कर्जा करीब दोगुना हुआ है । फिलहाल हरियाणा पर 1 लाख 69 हजार करोड़ का कर्ज है । पूर्व की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार की राह पर चलते हुए खट्टर सरकार ने भी चुनाव से पहले कुछ बड़े फैसले कर्मचारियों एवं कुछ वर्गों को लेकर किये । आगामी विधानसभा में चुनाव से पहले एक बड़े वर्ग को खुश करने का प्रयास भारतीय जनता पार्टी की तरफ से किया गया है । लेकिन भाजपा की किए गए इन फैसलों पर संकट मंडरा सकता है क्योंकि हुड्डा सरकार के कई फैसलों को खट्टर सरकार ने सत्ता में आते ही बदल दिया था । फिलहाल राजनीतिक जानकारों की माने तो हरियाणा में अगर खट्टर सरकार लौटकर फिर से सत्ता में आती है तो इन फैसलों को लागू रखेगी अगर सत्ता परिवर्तन होता है तो भी सभी घोषणा है जोकि तो रहेगी इसका दावा नहीं किया जा सकता । दरअसल 2014 में बनी मनोहर लाल सरकार ने पूर्व की हुड्डा सरकार की तरफ से चुनाव से पहले कैबिनेट की बैठक में लिए कई अहम फैसलों पर रोक लगा दी थी ।


Body:वीओ -
हरियाणा की भाजपा सरकार हरियाणा में पहली बार सत्ता पर काबिज हुई है मगर 5 साल के कार्यकाल के बाद सत्ता में वापसी के लिए सभी वर्गों की मांगों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एक-एक कर कई बड़े फैसले लिए । हरियाणा सरकार की तरफ से पाल गड़रियों , आंगनवाड़ी वर्कवर्स , व्यपारियों , ग्रामीण एव शहरी चौकीदारों , गेस्ट टीचर्स समेत कई वर्गों को सरकार ने राहत देते हुए लंबित मांगों को पूरा करने का काम किया । हालांकि चुनाव से ठीक पहले की गई इन घोषणाओं के बने रहने पर भी संशय जरूर है ! दरअसल हरियाणा की बीजेपी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले की चुनावी घोषणाओं का हरियाणा में सत्ता परिवर्तन होने के बाद आने वाली सरकार क्या फैसला लेगी इस पर निर्भर करता है । हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो बीजेपी अगर सत्ता में वापसी करती है तो सभी फैसले ज्यों के त्यों बने रह सकते हैं मगर सत्ता परिवर्तन होने पर हरियाणा की बीजेपी सरकार की तरफ से हुड्डा सरकार के दौरान लिए गए फैसलों को बदल दिया गया था ऐसे में मनोहर सरकार के चुनावी फैसलों के सत्ता परिवर्तन होने पर अटल रहने का कोई दावा नही किया जा सकता । हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कई अहम फैसले लिए थे ।
बाइट - मनोहर लाल , मुख्यमंत्री हरियाणा ( फ़ाइल बाइट )
वीओ -
वहीं राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर कुर्मी सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार की तरफ से चुनाव से ठीक पहले लिए गए फैसलो के माध्यम से हरियाणा सरकार कीअपना वोट बैंक मजबूत करना चाहती है । उन्होंने कहा कि पाल गड़रियों की मांग को सरकार की तरफ से पूरा किया गया है , सरकार की तरफ से चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले लिए गए इस फैसले का असल में फायदा चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही पाल गडरियो को मिलेगा क्योंकि अंचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियां नही होंगी । उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की तरफ से आंगनवाड़ी वर्कर्स गेस्ट टीचर समित कई अन्य कर्मचारी वर्ग को लेकर लिए गए फैसले हरियाणा में दूसरी सरकार आने पर बदले भी जा सकते हैं जैसा कि हरियाणा की मनोहर सरकार की तरफ से सत्ता में आने के बाद हुड्डा सरकार के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने समेत कई फैसलों को बदल दिया गया था । उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी फिर से सत्ता में काबिज होती है तो यह फैसले बने रहेंगे मगर सत्ता परिवर्तन होने के बाद इन फैसलों पर नई सरकार कोई भी निर्णय ले सकती है।
बाइट - प्रोफेसर गुरमीत सिंह , राजनीतिक विश्लेषक


Conclusion:गौरतलब है कि हरियाणा की खट्टर सरकार की तरफ से चुनाव से ठीक पहले अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए और विभिन्न वर्गों की मांग को पूरा करने के लिए लिख गए अहम फैसलों का भविष्य आने वाले समय में हरियाणा के चुनाव पर निर्भर करेगा । हरियाणा में सत्ता परिवर्तन हुआ तो 1 लाख 69 हजार करोड़ से अधिक कर्जे की दुहाई देखकर नई सरकार फैसलों को नही बदलेगी इसका दावा नही किया जा सकता । वहीं हरियाणा में खट्टर सरकार के वापसी करने पर फैसले सुरक्षित रहेंगे , ऐसे में सभी फैसले ने वाले चुनावों पर भी निर्भर करेंगे ।
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