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हरियाणा में 500 डिपो होंगे ग्राहक सेवा केंद्रों में तब्दील, गांवों में मिलेंगे ब्रांडेड उत्पाद

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपो, फेयर प्राइस शॉप को 'ग्राहक सेवा केंद्र' में बदला जाएगा.

गांवों में मिलेंगे ब्रांडेड उत्पाद
गांवों में मिलेंगे ब्रांडेड उत्पाद
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Published : Sep 3, 2021, 10:41 PM IST

चंडीगढ़: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपो, फेयर प्राइस शॉप को 'ग्राहक सेवा केंद्र' में बदला जाएगा. जिसमें डिपो को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी तक यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के दो जिलों करनाल और सिरसा में शुरू हुआ था. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों में 4 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर डिपो के माध्यम से सस्ती दरों पर 'फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी)' उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

इस योजना के तहत करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकुला जिला में अभी तक 63 शॉपस के साथ डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ा गया था. इन शॉपस ने उक्त कंपनियों से 7.04 लाख रूपए की इनवेंटरी खरीद की है, तथा 2.29 लाख रूपए के प्रोडेक्ट की बिक्री हुई है. अब यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में शुरू की जाएगी.

डिप्टी सीएम ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दो जिलों करनाल और सिरसा में पायलट के तौर पर 7 डिपो को बैंकिंग प्रोजेक्ट के साथ जोड़ने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से टाइअप किया गया था. बैंक ने इन डिपो-होल्डरों को वित्तीय लेन-देन का प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने बताया कि आठ सप्ताह की अवधि में इन डिपो के माध्यम से जुलाई 2021 के दौरान 24.40 लाख रूपए तथा अगस्त में लगभग 34.50 लाख रूपए का वित्तीय लेन-देन हुआ है.

बता दें कि हरियाणा सरकार ने करीब 8 सप्ताह पहले 'आत्मनिर्भर हरियाणा' अभियान के तहत डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मुविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की पायलट शुरूआत की थी. सात डिपो-होल्डरों के माध्यम से एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ देने की भी शुरूआत की गई. जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त हुआ.

ये भी पढ़ें : मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में गरीब बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा- सीएम

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है, जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियां द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है.

उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी. उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपो, फेयरप्राइस शॉप को ग्राहक सेवा केंद्र में बदलने का निर्णय लिया है, इन सभी डिपो को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा.

चंडीगढ़: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपो, फेयर प्राइस शॉप को 'ग्राहक सेवा केंद्र' में बदला जाएगा. जिसमें डिपो को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी तक यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के दो जिलों करनाल और सिरसा में शुरू हुआ था. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों में 4 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर डिपो के माध्यम से सस्ती दरों पर 'फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी)' उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

इस योजना के तहत करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकुला जिला में अभी तक 63 शॉपस के साथ डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ा गया था. इन शॉपस ने उक्त कंपनियों से 7.04 लाख रूपए की इनवेंटरी खरीद की है, तथा 2.29 लाख रूपए के प्रोडेक्ट की बिक्री हुई है. अब यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में शुरू की जाएगी.

डिप्टी सीएम ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दो जिलों करनाल और सिरसा में पायलट के तौर पर 7 डिपो को बैंकिंग प्रोजेक्ट के साथ जोड़ने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से टाइअप किया गया था. बैंक ने इन डिपो-होल्डरों को वित्तीय लेन-देन का प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने बताया कि आठ सप्ताह की अवधि में इन डिपो के माध्यम से जुलाई 2021 के दौरान 24.40 लाख रूपए तथा अगस्त में लगभग 34.50 लाख रूपए का वित्तीय लेन-देन हुआ है.

बता दें कि हरियाणा सरकार ने करीब 8 सप्ताह पहले 'आत्मनिर्भर हरियाणा' अभियान के तहत डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों (फास्ट-मुविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) का सामान उचित दामों पर बिक्री करने की योजना की पायलट शुरूआत की थी. सात डिपो-होल्डरों के माध्यम से एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ देने की भी शुरूआत की गई. जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त हुआ.

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दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है, जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनियां, स्वयं सहायता समूह और अन्य विनिर्माण कंपनियां द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है.

उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना जहां राज्य में आय और रोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाजारों को मजबूती मिलेगी. उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक राज्य में कुल 500 डिपो, फेयरप्राइस शॉप को ग्राहक सेवा केंद्र में बदलने का निर्णय लिया है, इन सभी डिपो को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाएगा.

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