पंचकूलाः एक तरफ केंद्र सरकार और किसानों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है, दूसरी तरफ इसका असर हरियाणा की राजनीति और सरकार पर भी पड़ रहा है. अभी हरियाणा में गठबंधन की सरकार है और निर्दलीय विधायकों के अलावा जेजेपी का समर्थन सरकार को हासिल है. लेकिन पंचकूला में आज हुई 6 विधायकों की मीटिंग के बाद सीएम से मुलाकात हुई. जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. पंचकूला में जिन 6 विधायकों की मीटिंग हुई उनमें 1 जेजेपी विधायक जोगीराम सिहाग भी शामिल थे. आपको यहां ये बताते चलें कि नए कृषि कानूनों को लेकर 2 निर्दलीय विधायक पहले ही सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं.
पंचकूला में हुई गुप्त मीटिंग
चार निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर किसानों के मुद्दे को जल्द सुलझाने की मांग की है. लेकिन उससे पहले 6 विधायकों की पंचकूला के सेक्टर-12 में एक गुप्त मीटिंग हुई, जिसमें ये चार विधायक भी शामिल थे. इनकी मीटिंग के बात हरियाणा में राजनीतिक हलचल तेज हो चली है.
सीएम के साथ बैठक में क्या बात हुई?
निर्दलीय विधायक एवं पर्यटन विभाग के चेयरमैन रणधीर गोलन ने बैठक के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज दोपहर को पंचकूला में 5 निर्दलीय और एक जेजेपी के विधायक सोमबीर सांगवान ने किसानों के मुद्दे पर बैठक की थी. गोलन ने कहा इस बैठक में तय हुआ था 4 विधायक निर्दलीय विधायक किसानों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.
मुख्यमंत्री ने चारों विधायकों से हुई बातचीत में ये आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर जल्द केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 4 से 5 दिनों में किसानों का मुद्दा निपट जाएगा. रणधीर गोलन ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री से अपील थी इस मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द किसानों के हित में फैसला लें.
गोलन ने कहा मैं विधायक के साथ-साथ किसान भी हूं. किसानों का आंदोलन जल्द खत्म करवाए सरकार. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से हम भी मीडिया के माध्यम से इसको जल्द हल करवाने की अपील कर चुके हैं. उम्मीद है देश के प्रधानमंत्री इसको जल्द हल करेंगे.
सीएम के साथ मीटिंग में थे ये विधायक
- पृथला के विधायक नयनपाल रावत
- पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन
- नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर
- बादशाहपुर से विधायक राकेश दौलताबाद
सरकार का गणित क्या है ?
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए होती हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 41 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी जिसके बाद उन्हें जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी जिसके 10 विधायक हैं इसके अलावा सरकार को 2019 में 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल था जिनमें से 2 ने अब समर्थन वापस ले लिया है और खाप पंचायतों का कहना है कि वो बाकी निर्दलीय विधायकों पर भी समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे. फिलहाल सरकार के पास गोपाल कांडा को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन है कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और इनेलो का एक विधायक है.
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