चंडीगढ़: ऐसे में राम रहीम के आवेदन निरस्त होने के आसार हैं. हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट 1988 के अनुसार किसी कैदी की अर्जी इन कारणों से पैरोल के लिए स्वीकार की जा सकती है. परिवार में शादी, परिवार में किसी की मृत्यु या अपने पिता के नाम की जमीन पर खेती करने के अलावा किसी जरूरी काम के लिए पैरोल दी जा सकती है.
राम रहीम ने खेती के लिए पैरोल का आवेदन दाखिल किया है. उन नियमों के तहत जिस जमीन पर खेती होनी है वह या तो कैदी के या उसके पिता के नाम होनी जरूरी है लेकिन डेरा सच्चा सौदा की सारी जमीन ट्रस्ट के नाम है. इस बारे में हाईकोर्ट के वकील विकास गर्ग ने बताया कि जेल में सजा भुगत रहे हर कैदी को पैरोल का अधिकार होता है, जो कैदी अपनी सजा के 1 साल पूरे कर लेता है वह नियमों के तहत पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है.
गर्ग ने बताया कि राम रहीम हार्डकोर क्रिमिनल है जिसको रेप व हत्या के दो अलग-अलग मामलों में सजा हो चुकी है. राम रहीम के पास अधिकार है कि वह आवेदन करें लेकिन अब सरकार को यह देखना है कि उसके आवेदन को स्वीकार करती है या नहीं क्योंकि पैरोल देने से पहले सरकार को लॉ एंड ऑर्डर देखना भी जरूरी होता है.
राम रहीम को पैरोल दी जाती है तो स्थिति भयावह हो सकती है. गेंद सरकार के पाले में है कि सरकार पैरोल देती है या नहीं. दूसरा राम रहीम ने पैरोल के लिए खेती करने की जो मांग की है वह भी अस्पष्ट है क्योंकि राम रहीम के नाम जमीन नहीं है और ना ही उसके पिता के नाम कोई जमीन है.