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ओम प्रकाश चौटाला ने इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा का इस्तीफा किया नामंजूर - ओम प्रकाश चौटाला

इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव में करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. अशोक अरोड़ा के इस्तीफे को इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने नामंजूर कर दिया है.

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Published : May 25, 2019, 4:18 PM IST

Updated : May 25, 2019, 4:31 PM IST

चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव में करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी और पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को अपना इस्तीफा भेज दिया था. लेकिन अशोक अरोड़ा के इस्तीफे को इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने नामंजूर कर दिया है.

बता दें कि शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में अशोक अरोड़ा ने कहा कि इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने उन्हें पूरा मान-सम्मान दिया, उन्होंने नैतिकता के आधार पर पार्टी कार्यालय में इस्तीफा भेज दिया है और अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए और वो कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि ये पहला चुनाव था जो कि मुद्दों पर नहीं अपितु राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ा गया. उन्होंने कहा कि मुद्दे इस चुनाव में गौण थे, कोई स्थानीय मुद्दा चुनाव में था ही नहीं. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने उन्हें बेहद सहयोग दिया, जिसका मैं तहे दिल से आभारी हूं.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की आंधी ने विपक्ष को उड़ा दिया. अभय चौटाला के बेटे अर्जुन और पिछली बार के सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी सहित इनेलो का कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सका.

चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव में करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी और पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को अपना इस्तीफा भेज दिया था. लेकिन अशोक अरोड़ा के इस्तीफे को इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने नामंजूर कर दिया है.

बता दें कि शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में अशोक अरोड़ा ने कहा कि इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने उन्हें पूरा मान-सम्मान दिया, उन्होंने नैतिकता के आधार पर पार्टी कार्यालय में इस्तीफा भेज दिया है और अनुरोध किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए और वो कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि ये पहला चुनाव था जो कि मुद्दों पर नहीं अपितु राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ा गया. उन्होंने कहा कि मुद्दे इस चुनाव में गौण थे, कोई स्थानीय मुद्दा चुनाव में था ही नहीं. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने उन्हें बेहद सहयोग दिया, जिसका मैं तहे दिल से आभारी हूं.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की आंधी ने विपक्ष को उड़ा दिया. अभय चौटाला के बेटे अर्जुन और पिछली बार के सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी सहित इनेलो का कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा सका.

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Last Updated : May 25, 2019, 4:31 PM IST
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