चंडीगढ़: इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अधिकारियों ना सिर्फ खरी-खरी सुनाई बल्कि देरी से हो रहे काम को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि काम में किसी भी तरह की लेट लतीफी मंजूर नहीं की जाएगी.
पूरे देश को मिलेगा एयरपोर्ट का फायदा
मौखिक टिप्पणी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि अगर काम में देरी होती है तो इसके लिए बहुत ही पुख्ता वजह हों. एयरपोर्ट का फायदा राज्य सरकारों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि इसका पूरे देश को फायदा मिलेगा.
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अधिकारी किसी भी तरह की कोताही न बरतें
कोर्ट ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित करें कि एयरपोर्ट 31 मार्च तक 24 घंटे सातों दिन के लिए चालू हो जाए. अगर आदेश का पालन करने में किसी ने भी कोताही की तो अवमानना के लिए तैयार रहें. वो भी मामूली नहीं वैसे जैसे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव के साथ किया था.
काम की कीमत तय करना परेशानी का सबब
हाईकोर्ट को बताया गया कि कैट-3 के लिए टाटा एसईडी ने 61 करोड़ की मांग की है. जबकि एयरफोर्स कमेटी ने इसके लिए 30 करोड़ मंजूर किया है. ऐसे में अभी बात-चीत का दौर जारी है. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि टाटा ने देश में जनहित के लिए बहुत से कार्य किए हैं. एयरपोर्ट बड़े स्तर पर जनहित का मामला है. सीएसआर के तहत वैसे भी खर्च किया जाता है. ऐसे में कोर्ट को टाटा से उम्मीद है कि वह कैट-3 के लिए निर्णय लेते हुए जनहित को जरूर ध्यान में रखेंगे
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कंपनी को काम देने का लिया गया फैसला
इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी और केंद्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सोलिस्टर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हर किसी को संवेदनशील जगह पर काम नहीं दिया जा सकता. इसलिए ही इस कंपनी को काम देने का फैसला लिया गया. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने मामले को लेकर मीटिंग कर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.