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चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम में हो रही देरी से कोर्ट नाराज, अधिकारियों को लगाई फटकार

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम में हो रही देरी को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाई.

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Published : Feb 26, 2019, 8:06 AM IST

हाईकोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

चंडीगढ़: इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अधिकारियों ना सिर्फ खरी-खरी सुनाई बल्कि देरी से हो रहे काम को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि काम में किसी भी तरह की लेट लतीफी मंजूर नहीं की जाएगी.

पूरे देश को मिलेगा एयरपोर्ट का फायदा
मौखिक टिप्पणी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि अगर काम में देरी होती है तो इसके लिए बहुत ही पुख्ता वजह हों. एयरपोर्ट का फायदा राज्य सरकारों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि इसका पूरे देश को फायदा मिलेगा.

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हाईकोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

अधिकारी किसी भी तरह की कोताही न बरतें
कोर्ट ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित करें कि एयरपोर्ट 31 मार्च तक 24 घंटे सातों दिन के लिए चालू हो जाए. अगर आदेश का पालन करने में किसी ने भी कोताही की तो अवमानना के लिए तैयार रहें. वो भी मामूली नहीं वैसे जैसे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव के साथ किया था.

काम की कीमत तय करना परेशानी का सबब
हाईकोर्ट को बताया गया कि कैट-3 के लिए टाटा एसईडी ने 61 करोड़ की मांग की है. जबकि एयरफोर्स कमेटी ने इसके लिए 30 करोड़ मंजूर किया है. ऐसे में अभी बात-चीत का दौर जारी है. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि टाटा ने देश में जनहित के लिए बहुत से कार्य किए हैं. एयरपोर्ट बड़े स्तर पर जनहित का मामला है. सीएसआर के तहत वैसे भी खर्च किया जाता है. ऐसे में कोर्ट को टाटा से उम्मीद है कि वह कैट-3 के लिए निर्णय लेते हुए जनहित को जरूर ध्यान में रखेंगे

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कंपनी को काम देने का लिया गया फैसला
इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी और केंद्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सोलिस्टर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हर किसी को संवेदनशील जगह पर काम नहीं दिया जा सकता. इसलिए ही इस कंपनी को काम देने का फैसला लिया गया. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने मामले को लेकर मीटिंग कर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.

चंडीगढ़: इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अधिकारियों ना सिर्फ खरी-खरी सुनाई बल्कि देरी से हो रहे काम को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि काम में किसी भी तरह की लेट लतीफी मंजूर नहीं की जाएगी.

पूरे देश को मिलेगा एयरपोर्ट का फायदा
मौखिक टिप्पणी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि अगर काम में देरी होती है तो इसके लिए बहुत ही पुख्ता वजह हों. एयरपोर्ट का फायदा राज्य सरकारों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि इसका पूरे देश को फायदा मिलेगा.

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हाईकोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

अधिकारी किसी भी तरह की कोताही न बरतें
कोर्ट ने अधिकारियों को कहा कि यह सुनिश्चित करें कि एयरपोर्ट 31 मार्च तक 24 घंटे सातों दिन के लिए चालू हो जाए. अगर आदेश का पालन करने में किसी ने भी कोताही की तो अवमानना के लिए तैयार रहें. वो भी मामूली नहीं वैसे जैसे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव के साथ किया था.

काम की कीमत तय करना परेशानी का सबब
हाईकोर्ट को बताया गया कि कैट-3 के लिए टाटा एसईडी ने 61 करोड़ की मांग की है. जबकि एयरफोर्स कमेटी ने इसके लिए 30 करोड़ मंजूर किया है. ऐसे में अभी बात-चीत का दौर जारी है. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि टाटा ने देश में जनहित के लिए बहुत से कार्य किए हैं. एयरपोर्ट बड़े स्तर पर जनहित का मामला है. सीएसआर के तहत वैसे भी खर्च किया जाता है. ऐसे में कोर्ट को टाटा से उम्मीद है कि वह कैट-3 के लिए निर्णय लेते हुए जनहित को जरूर ध्यान में रखेंगे

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कंपनी को काम देने का लिया गया फैसला
इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी और केंद्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सोलिस्टर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हर किसी को संवेदनशील जगह पर काम नहीं दिया जा सकता. इसलिए ही इस कंपनी को काम देने का फैसला लिया गया. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने मामले को लेकर मीटिंग कर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.

Intro:हमें पता है अधिकारियों को कौन सी भाषा समझ आती है, आदेश का सही पालन करें राव जैसा हाल होगा: हाईकोर्ट 

-सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव को 4 बजे तक कोर्ट में बैठाए रखने वाला आदेश अधिकारियों को दिलाया याद 

-पंजाब को तीन माह के भीतर ड्रेनेज का काम पूरा करने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश 



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चंडीगढ़। 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि सभी हित धारक मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि एयरपोर्ट 31 मार्च तक 24 घंटे सातों दिन के लिए चालू हो जाए। अगर आदेश का पालन करने में किसी ने भी कोताही की तो अवमानना के लिए तैयार रहें वह भी मामूली नहींं वैसे जैसे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव को शाम 4 बजे तक कोर्ट की हिरासत में रखा था।  

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट मामले में पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को तलब किया था। सुबह 10 बजे मुख्य सचिव पंजाब के एडवोकेट जनरल के साथ चीफ जस्टिस की कोर्ट में पहुंचे और बताया कि पंजाब में विधानसभा सत्र चल रहा है इसलिए उन्हें मौजूदगी से छूट दी जाए। हाईकोर्ट ने इसपर उन्हें छूट दे दी। लंच के बाद सुनवाई आरंभ हुई तो हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से ड्रेनेज और अतिक्रमण को लेकर जवाब मांगा। पंजाब सरकार ने बताया कि एयरपोर्ट के पास मौजूद कंडाला गांव में मौजूद अवैध निर्माण पंजाब सरकार ने गिरा दिए हैं। इसके साथ ही डे्रन पर कब्जे हटाए गए हैं और उसकी सफाई चल रही है। एयरफोर्स ड्रेन का पानी सुखना चो में गिराने की योजना है लेकिन इसके लिए कम से कम 5 माह का समय चाहिए। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 3 माह की मोहलत देते हुए यह काम पूरा करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ने हाईकोर्ट को बताया कि पैरलल टैक्सी ट्रैक के निर्माण के लिए टैंडर जारी किया जा चुका है और मार्च के प्रथम सप्ताह में इसके लिए फाईनेंशियल बिड होगी।


कैट-3 पर मुश्किल 

हाईकोर्ट को बताया गया कि कैट-3 के लिए टाटा एसईडी ने 61 करोड़ की मांग की है जबकि एयरफोर्स कमेटी ने इसके लिए 30 करोड़ मंजूर किया है। ऐसे में अभी बात-चीत का दौर जारी है। इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि टाटा ने देश में जनहित के लिए बहुत से कार्य किए हैं। एयरपोर्ट बड़े स्तर पर जनहित का मामला है। सीएसआर के तहत वैसे भी खर्च किया जाता है। ऐसे में कोर्ट को टाटा से उम्मीद है कि वह कैट-3 के लिए निर्णय लेते हुए जनहित को जरूर ध्यान में रखेंगे। 


कैट-3 के लिए नहीं बंद करना होगा एयरपोर्ट 

हाईकोर्ट को बताया गया कि रनवे के एंड 11 पर वर्तमान में कैट 1 की सुविधा है। इसी को कैट 3 में बदलना है जिसके लिए न तो एयरपोर्ट को बंद करना पड़ेगा और न ही इससे किसी भी उड़ान में किसी भी प्रकार की परेशानी होगी। साथ ही अभी एक बैठक की जानी है जिसमें तय किया जाएगा कि मैंटेनेंस के लिए शनिवार का दिन चुना जाए या रविवार का। टाटा ने बताया कि कैट-2 इंस्टाल करने का काम 31 मार्च तक पूरा कर दिया जाएगा। 

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चेतन मित्तल
असिस्टेंट सॉलिस्टर जनरल ऑफ इंडिया



Conclusion:भूमि अधिग्रहण पर निर्णय के लिए एक सप्ताह की मोहलत

हाईकोर्ट में यूटी प्रशासन ने बताया कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया है और इसके लिए नोटिफिकेशन भी कर दी गई है। सोशल इंपेक्ट की स्टडी पीयू ने की है और रिपोर्ट विशेषज्ञों की कमेटी ने देखी है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद भूमि अधिग्रहण की औपचारिक नोटिफिकेशन कर दी जाएगी। हालांकि इसमें 6 से 7 माह का समय लगेगा। हाईकोर्ट ने इस देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए एडवाईजर को तलब कर लिया। इसपर सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल पंकज जैन ने निवेदन किया जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें एक माह की मोहलत दे दी। 

 

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