भिवानी: प्रदेश में रेलवे निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं. भिवानी रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार से रेलवे निजीकरण के फैसले को वापस लेने को कहा.
बता दें कि नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले रेल कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया और भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके विरोध जताया. कामरेड कृष्ण कौशिक युवा मंडल सयोंजक ने बताया कि सरकार एक साजिश के तहत भारतीय रेल को पूंजीपतियों के हाथ में बेचना चाहती है.
जब देश ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही तब भारत सरकार रेल की उत्पादन इकाइयों का सौदा कर रही है. ट्रेनों का संचालन प्राइवेट पार्टनर को दिए जाने का प्रयास कर रही है, जो ना केवल रेलवे कर्मियों के ऊपर कुठाराघात है, बल्कि आम जनता की जेब पर भी भारी पड़ने वाला है.
आने वाले समय में सरकार ने रेल कर्मियों की संख्या घटाने का फैसला कर लिया जो कि एक बड़ी बेरोजगारी को बढ़ावा देगी. देश की आम जनता गरीब जनता इस रेल में सफर कर रही है. वे दावे के साथ कह रहे हैं कि प्राइवेट ट्रेनों में सफर करना बहुत मुश्किल हो जाएगा. आज 150 से अधिक रियायत जो सरकारी ट्रेनों में दी वो सभी निजी ट्रेनों में खत्म हो जाएगी जिसका असर सीधे- सीधे गरीब आम जनता की जेब पर पड़ेगा.
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उन्होंनें सभी कर्मचारियों से अपील की है कि सरकार पर दवाब बनाकर उसे अपने कदम पीछे खीचने के लिए मजबूर करना होगा. उन्होंने बताया कि आज ये हमारा रेल बचाओ देश बचाओ आंदोलन पूरे देश भर में सभी रेल कर्मी आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.