भिवानी के रोहनात गांव में वेद प्रकाश की आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है. धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने डीसी समेत तीनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. वहीं किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि 19 सितंबर को इस मुद्दे पर महापंचायत होगी. जिसमें बड़ा फैसला किया जाएगा. बता दें कि 11 सितंबर को भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे रोहनात गांव के निवासी वेद प्रकाश ने धरना स्थल पर ही आत्महत्या की थी.
गांव के लोगों ने 6 दिन बाद भी वेद प्रकाश के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है. मृतक का शव नागरिक अस्पताल में रखा है. बता दें कि वेद प्रकाश ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा था. जिसमें उसने अपनी आत्महत्या के लिए डीसी, डीआरओ और कानूनगो को दोषी बताया था. अब वेद प्रकाश के परिजन और ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि देश की आजादी की जंग में 1857 में रोहनात गांव के लोगों बड़ी कुर्बानियां थी. जिसके चलते अंग्रेजों ने इस गांव के लोगों पर बुलडोजर तक चलवाया. पूरे गांव को तोप से तबाह किया था. गांव की पूरी जमीन नीलाम कर दी थी. देश आजाद होने के बाद से रोहनात गांव के लोग अपनी जमीन पाने, गांव को शहीद का दर्जा देने और आजादी की जंग में कुर्बानी को लेकर किए तब की सरकार के वादों को लागू करने की मांग को लेकर बार-बार आंदोलन करते हैं.
इसी के चलते बीते साल गांव में धरने पर संतलाल नामक व्यक्ति की धरने पर हार्ट अटैक से मौत हुई थी. जिसके बाद मामला काफी गर्म रहा और अब 6 रोज पहले वेद प्रकाश ने भिवानी लघु सचिवालय के बाहर धरना पर फांसी लगाने से मामला सुर्खियों में है. भिवानी लघु सचिवालय के बाहर जारी रोहनात गांव के इस धरने पर अब सियासत शुरू हो चुकी है. आप नेता अनुराग ढांडा ने वेद प्रकाश के परिजनों से मुलाकात की और कहा कि सरकार व सिस्टम से तंग आकर जान देना अपने आप में बड़ा मामला है.
उन्होंने कहा कि डीसी, डीआरओ व कानूनगो पर एफआईआर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रोहनात गांव की मांग संयुक्त पंजाब के समय की है. ऐसे में वो इस मामले में पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी सहयोग व जांच की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि रोहनात गांव के क्रांतिकारी लोगों की अनदेखी की बजाय सरकार शहीदों जैसा सम्मान दे. वहीं किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि वेद प्रकाश व रोहनात गांव को न्याय दिलाने के लिए 19 सितंबर को महापंचायत की जाएगी. जिसमें सभी किसान, कर्मचारी, मजबूत और सामाजिक संगठन बुलाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में आगे के आंदोलन के लिए कड़े व बड़े फैसले लिए जाएंगे.