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भिवानी के स्कूल में तबादले के बाद बचे 2 टीचर, विरोध में उतरे छात्र और ग्रामीण

नांगल के सरकारी स्कूल में रेशनलाइजेशन के तहत अध्यापकों को तबादले होने के कारण स्कूल में अध्यापकों की कमी हो गई है. जिसके विरोध में स्कूल के छात्रों और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.

student protest in bhiwani
अध्यापकों के तबादलों के विरोध में प्रदर्शन
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Published : Aug 22, 2022, 8:24 PM IST

भिवानी: सरकारी स्कूलों में इन दिनों रेशनलाइजेशन के तहत अध्यापकों के तबादले (teacher transfer in bhiwani) किए जा रहे हैं. तबादले के कारण नांगल के सरकारी स्कूल में केवल 2 अध्यापक रह गए हैं. अध्यापकों की कमी के चलते छात्रों और ग्रामीणों ने विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि स्कूल में सभी विषयों के अध्यापक नहीं हैं जिसके कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

छात्रों का कहना है कि स्कूल में 8-10 अध्यापक की आवश्यकता है ताकि सभी विषय कवर हों सकें. लेकिन तबादले होने के बाद अब केवल 2 टीचर रह गये हैं. छात्रों ने कहा कि उनके परिवारों की आमदनी इतनी नहीं है कि वो उन्हें महंगे स्कूलों में पढ़ा सकें. शिक्षा विभाग की रेशनलाइजेशन नीति (Haryana Rationalization Policy) के विरोध में जिले भर से सैंकड़ों अध्यापकों ने सार्वजनिक अवकाश लेकर पंचकूला में विरोध प्रदर्शन के लिए कूच किया. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार वैसे तो प्रदेश में बेहतर शिक्षा देने के दावे करती है लेकिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी से बच्चे कैसे पढ़ेंगे.

अध्यापकों के तबादलों के विरोध में प्रदर्शन

अध्यापकों का कहना है कि गांव के सरकारी स्कूल में पहले 10 अध्यापक होते थे. ट्रांसफर ड्राईव के बाद अब सिर्फ दो अध्यापक ही स्कूल में रह गए हैं. स्कूल में 8 अध्यापकों की कमी (shortage of teachers in bhiwani) है, जिसे शिक्षा विभाग को पूरा करना चाहिए, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि गांव के स्कूल में पर्याप्त मात्रा में अध्यापकों की नियुक्ति की जाए, ताकि स्कूल बंद होने से बच सकें. यदि सरकारी स्कूल बंद होता है तो उन्हें मजबूरी में अपने बच्चे प्राइवेट स्कूलों में अधिक फीस देकर पढ़ाने होंगे जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा.

student protest in bhiwani
अध्यापकों के तबादलों के विरोध में प्रदर्शन

भिवानी: सरकारी स्कूलों में इन दिनों रेशनलाइजेशन के तहत अध्यापकों के तबादले (teacher transfer in bhiwani) किए जा रहे हैं. तबादले के कारण नांगल के सरकारी स्कूल में केवल 2 अध्यापक रह गए हैं. अध्यापकों की कमी के चलते छात्रों और ग्रामीणों ने विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि स्कूल में सभी विषयों के अध्यापक नहीं हैं जिसके कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

छात्रों का कहना है कि स्कूल में 8-10 अध्यापक की आवश्यकता है ताकि सभी विषय कवर हों सकें. लेकिन तबादले होने के बाद अब केवल 2 टीचर रह गये हैं. छात्रों ने कहा कि उनके परिवारों की आमदनी इतनी नहीं है कि वो उन्हें महंगे स्कूलों में पढ़ा सकें. शिक्षा विभाग की रेशनलाइजेशन नीति (Haryana Rationalization Policy) के विरोध में जिले भर से सैंकड़ों अध्यापकों ने सार्वजनिक अवकाश लेकर पंचकूला में विरोध प्रदर्शन के लिए कूच किया. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार वैसे तो प्रदेश में बेहतर शिक्षा देने के दावे करती है लेकिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी से बच्चे कैसे पढ़ेंगे.

अध्यापकों के तबादलों के विरोध में प्रदर्शन

अध्यापकों का कहना है कि गांव के सरकारी स्कूल में पहले 10 अध्यापक होते थे. ट्रांसफर ड्राईव के बाद अब सिर्फ दो अध्यापक ही स्कूल में रह गए हैं. स्कूल में 8 अध्यापकों की कमी (shortage of teachers in bhiwani) है, जिसे शिक्षा विभाग को पूरा करना चाहिए, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि गांव के स्कूल में पर्याप्त मात्रा में अध्यापकों की नियुक्ति की जाए, ताकि स्कूल बंद होने से बच सकें. यदि सरकारी स्कूल बंद होता है तो उन्हें मजबूरी में अपने बच्चे प्राइवेट स्कूलों में अधिक फीस देकर पढ़ाने होंगे जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा.

student protest in bhiwani
अध्यापकों के तबादलों के विरोध में प्रदर्शन
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