भिवानी: किसानों के मुद्दे सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि देश का किसान कमजोर नहीं है. सरकार के षड्यंत्रों से दबने वाला नहीं है. उन्होंने लगातार चार दिन से इंटरनेट बंद करने के सरकार के फैसले की भी निंदा की.
पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए अनैतिक, अलोकतांत्रिक और अमानवीय तरीके अपना रही है. आंदोलनस्थल की पहले बिजली-पानी की सप्लाई रोकी और टॉयलेट हटाए. किसान नेताओं पर मुकदमे दर्ज कर लुकआउट नोटिस जारी किए. अब राज्य सरकार ने पिछले चार दिन से इंटरनेट बंद कर रखा. इंटरनेट बंद होने से आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही हैं.
श्रुति चौधरी ने कहा कि इंटरनेट बंद होने से लाखों विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. श्रुति ने सरकार की तमाम अड़चनों के बावजूद किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चलाने के लिए किसान नेताओं खासकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की तारीफ की और कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ है. उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि वो किसानों से बात करे और उनकी मांगों को अविलंब पूरा करें. इसके अलावा किसानों पर दर्ज मुकदमे खारिज करे और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए.
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पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को जीरो बटे सन्नाटा बताया और कहा कि कोरोना काल में गर्त में जा चुकी देश की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए ठोस प्रयास जरूरी थे, जो नहीं किए गए.