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ईटीवी भारत से बोलीं 'शूटर दादी'- बुढ़ापा तन से आता है, मन से नहीं - शूटर दादी प्रकाशी देवी की कहानी

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रकाशी तोमर ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए. खेलों में भी अच्छा करियर है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों को आजादी भी देनी होगी, ताकि उनका नजरिया बदल सके.

प्रकाशी तोमर
प्रकाशी तोमर
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Published : Mar 5, 2020, 6:22 PM IST

भिवानी: शूटर दादी के नाम से मशहूर प्रकाशी तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने लड़कियों और बुजुर्गों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए कहा कि अगर वो इस उम्र में देश का नाम रौशन कर सकती हैं तो कोई भी कर सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रकाशी तोमर ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए. खेलों में भी अच्छा करियर है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों को आजादी भी देनी होगी, ताकि उनका नजरिया बदल सके. शूटर दादी ने कहा कि उन्हें कभी भी ये अंदाजा नहीं था कि एक दिन उनका खेलना उनका नाम पूरी दुनिया में पहुंचा देगा. जो मेहनत उन्होंने और उनकी जेठानी ने की थी, वो सफल हो गई है.

ईटीवी भारत से बोलीं 'शूटर दादी'- बुढ़ापा तन से आता है, मन से नहीं

इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वो अपने बच्चों को लाड प्यार देने के साथ-साथ उनपर विश्वास भी करें, अगर अभिभावक ही अपने बच्चों खासकर लड़कियों पर विश्वास नहीं करेंगे तो ऐसे में लड़कियां कभी आगे नहीं बढ़पाएंगी.

'मन से नहीं आता बुढ़ापा'

वहीं बुजुर्गों को प्रेरणा देते हुए प्रकाशी तोमर ने कहा कि जब वो एक बुजुर्ग होकर इस उम्र में शूटर बनने की सोच सकती हैं तो देश का कोई भी बुजुर्ग ऐसा कर सकता है. उन्होंने कहा कि बुढ़ापा तन से आता है, मन से नहीं. अगर खेलना है तो मन को हमेशा जवान रखना होगा.

कौन हैं प्रकाशी तोमर?

बता दें कि प्रकाशी तोमर, जिन्हें शूटर दादाी के नाम से भी जाना जाता है, वो एक भारतीय बुजुर्ग महिला निशानेबाज हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के मुजफ्फरनगर में 1 जनवरी 1937 में हुआ है. प्रकाशी का विवाह जय सिंह से हुआ था और उनकी बेटी सीमा तोमर एक अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज हैं. उनकी बेटी सीमा भी अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल संघ की ओर से आयोजित विश्व कप में रजत मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं और वर्तमान में वो भारतीय सेना में कार्यरत हैं. प्रकाशी की पोती रूबी इंस्पेक्टर के तौर पर पंजाब पुलिस में कार्यरत हैं जबकि उनकी बेटी रेखा निशानेबाजी छोड़ चुकी हैं.

ये भी पढ़िए: शेफाली वर्मा को मां का संदेश, '50 व 100 के चक्कर में न रहे, बस टीम को जिताए'

भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से इन्हें 'आइकन लेडी' पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है और वर्ष 2016 में इन्हें देश की 100 वीमेन अचीवर्स में शामिल किया गया था और राष्ट्रपति भवन में इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ दोपहर के भोज में आमंत्रित किया गया था. प्रकाशी आमिर खान के शो सत्यमेव जयते और कलर्स टीवी के चर्चित शो इंडियाज गॉट टैलेंट में भी शामिल हो चुकी हैं. इसके अलावा प्रकाशी तोमर और उनकी जेठानी चंद्रो तोमर की जिंदगी पर सांड की आंख नाम की फिल्म भी बन चुकी है.

भिवानी: शूटर दादी के नाम से मशहूर प्रकाशी तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने लड़कियों और बुजुर्गों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए कहा कि अगर वो इस उम्र में देश का नाम रौशन कर सकती हैं तो कोई भी कर सकता है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रकाशी तोमर ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेना चाहिए. खेलों में भी अच्छा करियर है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों को आजादी भी देनी होगी, ताकि उनका नजरिया बदल सके. शूटर दादी ने कहा कि उन्हें कभी भी ये अंदाजा नहीं था कि एक दिन उनका खेलना उनका नाम पूरी दुनिया में पहुंचा देगा. जो मेहनत उन्होंने और उनकी जेठानी ने की थी, वो सफल हो गई है.

ईटीवी भारत से बोलीं 'शूटर दादी'- बुढ़ापा तन से आता है, मन से नहीं

इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वो अपने बच्चों को लाड प्यार देने के साथ-साथ उनपर विश्वास भी करें, अगर अभिभावक ही अपने बच्चों खासकर लड़कियों पर विश्वास नहीं करेंगे तो ऐसे में लड़कियां कभी आगे नहीं बढ़पाएंगी.

'मन से नहीं आता बुढ़ापा'

वहीं बुजुर्गों को प्रेरणा देते हुए प्रकाशी तोमर ने कहा कि जब वो एक बुजुर्ग होकर इस उम्र में शूटर बनने की सोच सकती हैं तो देश का कोई भी बुजुर्ग ऐसा कर सकता है. उन्होंने कहा कि बुढ़ापा तन से आता है, मन से नहीं. अगर खेलना है तो मन को हमेशा जवान रखना होगा.

कौन हैं प्रकाशी तोमर?

बता दें कि प्रकाशी तोमर, जिन्हें शूटर दादाी के नाम से भी जाना जाता है, वो एक भारतीय बुजुर्ग महिला निशानेबाज हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के मुजफ्फरनगर में 1 जनवरी 1937 में हुआ है. प्रकाशी का विवाह जय सिंह से हुआ था और उनकी बेटी सीमा तोमर एक अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज हैं. उनकी बेटी सीमा भी अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल संघ की ओर से आयोजित विश्व कप में रजत मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं और वर्तमान में वो भारतीय सेना में कार्यरत हैं. प्रकाशी की पोती रूबी इंस्पेक्टर के तौर पर पंजाब पुलिस में कार्यरत हैं जबकि उनकी बेटी रेखा निशानेबाजी छोड़ चुकी हैं.

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भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से इन्हें 'आइकन लेडी' पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है और वर्ष 2016 में इन्हें देश की 100 वीमेन अचीवर्स में शामिल किया गया था और राष्ट्रपति भवन में इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ दोपहर के भोज में आमंत्रित किया गया था. प्रकाशी आमिर खान के शो सत्यमेव जयते और कलर्स टीवी के चर्चित शो इंडियाज गॉट टैलेंट में भी शामिल हो चुकी हैं. इसके अलावा प्रकाशी तोमर और उनकी जेठानी चंद्रो तोमर की जिंदगी पर सांड की आंख नाम की फिल्म भी बन चुकी है.

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