भिवानी: पूरे प्रदेश में बर्खास्त पीटीआई टीचरों का प्रदर्शन जारी है. भिवानी में पिछले दो महीने से निकाले गए पीटीआई टीचर धरने पर बैठे हैं. ये पीटीआई टीचर अपनी नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं. इस बीच इन पीटीआई टीचरों को मजदूर कर्मचारी शोषण मुक्ति मोर्चा ने समर्थन दिया है.
इस प्रदर्शन में 38 मृतक पीटीआई के परिवारों की खस्ता हालत की तरफ सरकार की अनदेखी के खिलाफ रोष प्रकट किया गया. इस मौके पर शारीरिक शिक्षक संघ के नेता जगदीश जांगड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर सबसे पहले मृतक पीटीआई के परिवारों को मिल रहे वेतन को बहाल करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा विधायक शक्तियां लाकर इनको एक जून 2020 से पुन: बहाल करें. अगर सरकार पीटीआई अध्यापकों को बहाल नहीं करती है तो ये सभी अध्यापक खाप पंचायतें, राजनीतिक संगठन, कर्मचारी संगठन, युवा क्लबों के माध्यम 2024 के चुनाव में हरियाणा सरकार की कब्र खोदने का काम करेंगे.
जगदीश जांगड़ा ने बताया कि 18 जुलाई को जींद में होने वाले 1983 पीटीआई बहाली के लिए खाप पंचायत सम्मेलन में जिला भिवानी की सभी खाप, पंचायत कर्मचारी संगठन, राजनीतिक संगठन, युवा क्लबों, ग्राम पंचायतों, ब्लॉक समिति मेंबर जिला परिषद सदस्य उसमें बढ़-चढ़कर भाग लेंगे.
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उन्होंने कहा कि 1983 पीटीआई में ऐसे 400 पीटीआई अध्यापक हैं, जो डीपीई पद पर प्रमोशन ले चुके हैं, 38 पीटीआई दिवंगत हो चुके हैं, 25 विधवा अध्यापक हैं, 34 दिव्यांग हैं, 49 एक्स सर्विसमैन, 68 दूसरे विभागों को छोड़कर आए कर्मचारी हैं, 20 रिटायर्ड अध्यापक और 80 प्रतिशत के लगभग 45 वर्ष पूरे कर चुके हैं. अब वो ऐसी स्थिति में कहां जाएंगे?