भिवानी: कोरोना के साथ-साथ हरियाणा में धरना प्रदर्शनों का दौर भी जारी है. पिछले लंबे समय से पीटीआई टीचर्स धरना दे रहे हैं और अब 11 अगस्त को रोडवेज कर्मचारी धरने पर हैं. साथ ही प्रदेश में हो रहे कथित घोटालों को लेकर 13 अगस्त को कांग्रेस की ओर से धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञानप सौंपे जाएंगे.
भिवानी बस स्टैंड पर सुबह से धरना दे रहे कर्मचारियों की अगुवाई डिपो प्रधान सज्जन शर्मा, राजेश शर्मा, पवन फोगाट और युद्धवीर सिंह ने की. इस प्रदर्शन में सैकड़ों रोडवेज कर्माचरियों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शन के दौरान रोडवेज कर्मचारियों ने जेजेपी-बीजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रोडवेज कर्मचारी नेता वीरेंद्र धनखड़ का कहना है कि हरियाणा सरकार बार-बार रोडवेज कर्मचारियों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों की जायज मांगों की अनदेखी कर रही है. सरकार में बैठे मंत्री रोड रोडवेज के आला अधिकारी ने रोडवेज कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं का समाधान करने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया.
रोडवेज कर्मचारियों की सरकार से मांग
- रोडवेज विभाग में निजी करण पर रोक लगाई जाए
- किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही बसों को बंद किया जाए
- विभाग में 12000 सरकारी बसें और शामिल की जाएं
- रोडवेज में खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए
- चालक-परिचालकों को सभी कर्मचारियों को समान हॉलीडे दिए जाएं
- एनपीएम कर्मचारी पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए
- परिचालक ग्रेड चालक के बराबर किए जाएं
- कर्मचारियों की वर्दी जूते हुए एलटीसी आदि भुगतान समय पर किए जाएं
- पीछे का बकाया और वर्तमान बोनस जल्दी दिया जाए
- कर्मचारियों को एक हफ्ते में एक सैनिटाइजर की बोतल और मास्क दिए जाएं.
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उन्होंने कहा कि सरकार रोडवेज विभाग को निजी हाथों में सौंप कर परिवहन के साथ सरकारी विभाग को बर्बाद करना चाहती है. वो ऐसा नहीं होने देंगे. साथ कर्माचिरों का कहना है कि सरकार ने उनकी समय रहते बात नहीं मानी तो फिर से आंदोलन करेंगे.