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भिवानी: 31 जनवरी से 2 फरवरी तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान

31 जनवरी से दो फरवरी तक चलने वाले पल्स पोलियो अभियन में जिले में एक लाख 28 हजार 875 बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी.

bhiwani pulse polio campaign
31 जनवरी से 2 फरवरी तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान
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Published : Jan 31, 2021, 4:00 PM IST

भिवानी: राष्ट्रीय स्तर पर 31 जनवरी से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत हो चुकी है और ये अभियान 2 फरवरी चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत पांच साल तक के बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी.

31 जनवरी को जहां बूथों पर पोलियों की ड्रॉप पिलाई गई तो वहीं एक फरवरी को डोर-टू-डोर जाकर पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी और दो फरवरी को मॉकअप राऊंड के तहत उन बच्चों को पोलियो की ड्रॉप पिलाई जाएगी जो दो फरवरी को किसी कारणवश पोलियों की ड्रॉप नहीं पी पाए थे.

ये भी पढ़ें: रेवाड़ी में 31 जनवरी से शुरू होगा पल्स पोलियो अभियान

इस बारे में जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आशीष और विधायक घनश्याम सर्राफ ने बताया कि पोलियो की ड्रॉप पिलाने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड आदि के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोबाईल व ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है. दवा पिलाने के लिए जिले में 692 बूथ बनाए गए हैं.

डॉ. आशीष ने बताया कि 31 जनवरी से दो फरवरी तक चलने वाले इस अभियन में जिले में एक लाख 28 हजार 875 बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 0 से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाई जाती है.

ये भी पढ़ें: पानीपत: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हाई रिस्क एरिया में बच्चों को पिलाई प्लस पोलियो

बता दें कि पोलियो एक अपंग यानी विकलांग करने वाली घातक बीमारी है. पोलियो वायरस के कारण ये बीमारी होती है. व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने वाला ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर हमला कर सकता है. जिससे पक्षाघात होने की आशंका होती है.

पक्षाघात की स्थिति में शरीर को हिलाया नहीं जा सकता और व्यक्ति हाथ, पैर या अन्य किसी अंग से दिव्यांग हो सकता है. भारत पिछले 7-8 वर्षों से पोलियो मुक्त हो चुका है, हालांकि दुनिया के कुछ हिस्सों में दिव्यांगता के कुछ केस सामने आते रहते हैं.

भिवानी: राष्ट्रीय स्तर पर 31 जनवरी से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत हो चुकी है और ये अभियान 2 फरवरी चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत पांच साल तक के बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी.

31 जनवरी को जहां बूथों पर पोलियों की ड्रॉप पिलाई गई तो वहीं एक फरवरी को डोर-टू-डोर जाकर पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी और दो फरवरी को मॉकअप राऊंड के तहत उन बच्चों को पोलियो की ड्रॉप पिलाई जाएगी जो दो फरवरी को किसी कारणवश पोलियों की ड्रॉप नहीं पी पाए थे.

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इस बारे में जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आशीष और विधायक घनश्याम सर्राफ ने बताया कि पोलियो की ड्रॉप पिलाने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड आदि के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोबाईल व ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है. दवा पिलाने के लिए जिले में 692 बूथ बनाए गए हैं.

डॉ. आशीष ने बताया कि 31 जनवरी से दो फरवरी तक चलने वाले इस अभियन में जिले में एक लाख 28 हजार 875 बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 0 से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाई जाती है.

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बता दें कि पोलियो एक अपंग यानी विकलांग करने वाली घातक बीमारी है. पोलियो वायरस के कारण ये बीमारी होती है. व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने वाला ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर हमला कर सकता है. जिससे पक्षाघात होने की आशंका होती है.

पक्षाघात की स्थिति में शरीर को हिलाया नहीं जा सकता और व्यक्ति हाथ, पैर या अन्य किसी अंग से दिव्यांग हो सकता है. भारत पिछले 7-8 वर्षों से पोलियो मुक्त हो चुका है, हालांकि दुनिया के कुछ हिस्सों में दिव्यांगता के कुछ केस सामने आते रहते हैं.

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