भिवानी: साल 2010 में लगे 1983 शारीरिक शिक्षकों (PTI) का क्रमिक अनशन व धरना गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. भिवानी के कैरू ब्लॉक से सुरेंद्र सिंह डीपीई केहरपुरा, राजपाल यादव लेघां, सुमन व सुनीता ने धरना स्थल पर क्रमिक अनशन दिया.
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शारीरिक शिक्षकों को नौकरी से हटाने से उनके पूरे परिवार पर भूखे मरने की नौबत आ गई है, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि आज सरकार आंदोलनकारी शारीरिक शिक्षकों की आवाज को लाठी, डंडो के बल पर दबाना चाहती है जिसको कर्मचारी किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कैथल में शारीरिक शिक्षकों पर लाठी चार्ज करके सरकार ने अपनी औच्छी मानसिकता का परिचय दिया है.
इस बारे में मदन लाल सरोहा व बलजीत तालू ने बताया कि साल 2010 में लगे 1983 पीटीआई टीचरों को सरकार ने द्वेष पूर्ण रवैया अपनाते हुए सेवा से मुक्त किया है. जब तक सभी शारीरिक शिक्षकों को सरकार वापस सेवा प्रदान नहीं करती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. इसके लिए चाहे उन्हें कितना भी बड़ा संघर्ष क्यों ना करना पड़े.
ये है पूरा मामला
2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 1983 पीटीआई टीचर की भर्ती हुई थी. जिसमें अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने रिट दायर की थी. मामले में लंबी सुनवाई चली और 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को अवैध करार देते हुए निरस्त करने का आदेश दिया.
प्रदेश सरकार को 6 महीने के अंदर नई भर्ती करने के आदेश भी दे दिए, जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को अगले 3 दिन में इन पीटीआई टीचरों को पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं.