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भिवानी में निजी स्कूलों पर छापेमारी, नियमों को लेकर सख्त सरकार, क्लस्टर प्रभारियों पर जिम्मेदारी

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Published : Apr 20, 2023, 1:59 PM IST

हरियाणा में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार ने स्कूलों का क्लस्टर बना दिया गया है. इन स्कूलों की जांच की जिम्मेदारी क्लस्टर प्रभारियों को दी गई है.

private schools arbitrariness in bhiwani
private schools arbitrariness in bhiwani

भिवानी: हरियाणा के स्कूलों में दाखिलों का दौर शुरू हो गया है. कई बार सामने आता है कि निजी स्कूल दाखिले के वक्त मनमानी कर अभिभावकों से ज्यादा रुपये वसूलते हैं. इसपर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं, ताकि निजी स्कूल मनमानी ना कर सकें. जैसे निजी स्कूल मालिक ड्रेस नहीं बेच सकते. वो सिर्फ ड्रेस का कलर बताएंगे. इसके बाद अभिभावक खुद ही बच्चों की ड्रेस खरीदेंगे.

इसके अलावा निजी स्कूल बच्चों को प्राइवेट किताबों के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. प्राइवेट स्कूलों में भी एनसीईआरटी (National Council of Educational Research and Training) की ही किताबें मान्य होंगी. इसके अलावा निजी स्कूल दाखिले में मनमानी कर ज्यादा फीस वसूल रहे हैं या नहीं. इन सब नियमों की स्कूलों में सही तरीके से पालना हो. इसके लिए हरियाणा में स्कूलों के क्लस्टर बनाए गए हैं.

क्लस्टर के अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है कि वो जांच कर रिपोर्ट भेजे कि उनके क्लस्टर में कोई निजी स्कूल सरकार के नियमों से अलग काम तो नहीं कर रहा. इसी कड़ी में वीरवार को क्लस्टर प्रभारी राजेश कुमार ने भिवानी जिले के बवानीखेड़ा खंड के सुई क्लस्टर की जांच की. इस दौरान उन्होंने कई निजी स्कूलों की जांच की. जांच में पाया गया कि निजी स्कूल प्राइवेट प्रकाशन की किताबों से पढ़ा रहे हैं. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- करनाल के घरौंडा में अवैध कॉलोनी पर चला बुलडोजर, दो ढाबों समेत सभी डीपीसी को तोड़ा गया

सरकार को शिकायतें मिल रही थी कि कुछ निजी स्कूल फीस ज्यादा ले रहे हैं और यूनिफॉर्म भी स्कूल से ही बेच रहे हैं. जिसपर सरकार ने निजी स्कूलों की जांच के आदेश दिए थे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो भी नियमों के खिलाफ जाकर काम करता मिला. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सुई कलस्टर प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया है कि एक स्कूल में निजी प्रकाशक की किताबें थी. उसकी रिपोर्ट भी उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है. सरकार जो फैसला लेगी. उसके मुताबिक आगामी कार्रवाई की जाएगी.

भिवानी: हरियाणा के स्कूलों में दाखिलों का दौर शुरू हो गया है. कई बार सामने आता है कि निजी स्कूल दाखिले के वक्त मनमानी कर अभिभावकों से ज्यादा रुपये वसूलते हैं. इसपर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं, ताकि निजी स्कूल मनमानी ना कर सकें. जैसे निजी स्कूल मालिक ड्रेस नहीं बेच सकते. वो सिर्फ ड्रेस का कलर बताएंगे. इसके बाद अभिभावक खुद ही बच्चों की ड्रेस खरीदेंगे.

इसके अलावा निजी स्कूल बच्चों को प्राइवेट किताबों के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. प्राइवेट स्कूलों में भी एनसीईआरटी (National Council of Educational Research and Training) की ही किताबें मान्य होंगी. इसके अलावा निजी स्कूल दाखिले में मनमानी कर ज्यादा फीस वसूल रहे हैं या नहीं. इन सब नियमों की स्कूलों में सही तरीके से पालना हो. इसके लिए हरियाणा में स्कूलों के क्लस्टर बनाए गए हैं.

क्लस्टर के अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है कि वो जांच कर रिपोर्ट भेजे कि उनके क्लस्टर में कोई निजी स्कूल सरकार के नियमों से अलग काम तो नहीं कर रहा. इसी कड़ी में वीरवार को क्लस्टर प्रभारी राजेश कुमार ने भिवानी जिले के बवानीखेड़ा खंड के सुई क्लस्टर की जांच की. इस दौरान उन्होंने कई निजी स्कूलों की जांच की. जांच में पाया गया कि निजी स्कूल प्राइवेट प्रकाशन की किताबों से पढ़ा रहे हैं. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.

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सरकार को शिकायतें मिल रही थी कि कुछ निजी स्कूल फीस ज्यादा ले रहे हैं और यूनिफॉर्म भी स्कूल से ही बेच रहे हैं. जिसपर सरकार ने निजी स्कूलों की जांच के आदेश दिए थे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो भी नियमों के खिलाफ जाकर काम करता मिला. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सुई कलस्टर प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया है कि एक स्कूल में निजी प्रकाशक की किताबें थी. उसकी रिपोर्ट भी उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है. सरकार जो फैसला लेगी. उसके मुताबिक आगामी कार्रवाई की जाएगी.

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