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सरकार के फैसले से भिवानी के मुक्केबाजों में रोष! बोले- सार्वजनिक सम्मान ना होने से गिरेगा मनोबल - सार्वजनिक

देश-विदेश में अपने मुक्कों का दम दिखाने वाले भिवानी मुक्केबाजी क्लब के मुक्केबाज भी सरकार द्वारा खिलाड़ियों का सम्मान समारोह रद्द किए जाने के फैसले से नाराज हैं. उसके बाद सरकरा द्वारा खिलाड़ियों की राशि उनके खातों में घर बैठे पहुंचाने के फैसल पर भी खिलाड़ियों ने नाराजगी जताई और कहा कि खेल विभाग की तरफ से खिलाड़ियों का सम्मान सामूहिक रूप से किया जाना चाहिए था.

सरकार के फैसले से भिवानी के मुक्केबाजों में रोष! बोले- सार्वजनिक सम्मान ना होने से गिरेगा मनोबल
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Published : Jun 25, 2019, 7:38 PM IST

भिवानी: खिलाड़ियों का सम्मान समारोह रद्द किए जाने के बाद खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों में रोष है और उनका कहना है कि इससे उनका मनोबल गिरेगा. हरियाणा के खेल विभाग ने फैसला लिया है कि पिछले चार सालों से खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि उन्हे घर बैठे खातों में मिलेगी. जबकि इससे पहले राज्य स्तरीय समारोह आयोजित कर पुरस्कार राशि के चैक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता रहा है. सरकार के इस फैसले पर खिलाड़ियों की राय जानी गई तो अलग-अलग विचार निकलर सामने आए.

सरकार के फैसले से भिवानी के मुक्केबाजों में रोष, देखिए रिपोर्ट

इस क्लब ने दिए देश को बड़े-बड़े मुक्केबाज
बता दें कि भिवानी बाक्सिंग क्लब वो क्लब है जिसने बिजेंद्र, दिनेश, अखिल, जयभगवान, विकास कृष्ण यादव, कविता चहल, नीतू, साक्षी सरीखे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज दिए हैं. भिवानी बॉक्सिंग क्लब के प्रधान कमल सिंह ने सभी खिलाड़ियों के खातों में खेल विभाग की तरफ से दी जाने वाली राशि उन्हे घर बैठे अपने खातों में पहुंचा दिए जाने के फैसले पर कहा कि सरकार और खेल विभाग द्वारा खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए.

'प्रोत्साहन के लिए मंच पर सम्मान बेहद जरूरी है'
उन्होंने कहा कि चाहे खिलाड़ियों को जिला स्तर पर सम्मानित करे या खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया करें. उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाड़ियों का भी मनोबल और प्रेरणा मिलती. सरकार और खेल विभाग को खिलाड़ियों के साथ ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए.

खिलाड़ी भी हैं नाराज!
बहरहाल सरकार ने भले ही खिलाड़ियों को नकद ईनाम उनके खातों में डालने की बात कही हो, जो कि उन खिलाड़ियों के राहत की बात है जो कि तीन चार साल से ईनामी रकम से महरूम थे. बता दें कि राशि ना मिलने के मामले को भी विपक्ष व खिलाड़ी उठाते रहे थे तो सरकार ने बाकायदा सम्मान समारोह कर ईनामी राशि दिए जाने की बात कही थी, मगर अब एकाएक फैसला बदला गया है जिस कारण खिलाड़ी नाराज हैं. भले ही उन्हे ईनामी राशि मिलने वाली हो मगर उनका कहना है कि अगर उन्हें मंच पर सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता व उनका भी मनोबल बढ़ता.

भिवानी: खिलाड़ियों का सम्मान समारोह रद्द किए जाने के बाद खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों में रोष है और उनका कहना है कि इससे उनका मनोबल गिरेगा. हरियाणा के खेल विभाग ने फैसला लिया है कि पिछले चार सालों से खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि उन्हे घर बैठे खातों में मिलेगी. जबकि इससे पहले राज्य स्तरीय समारोह आयोजित कर पुरस्कार राशि के चैक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता रहा है. सरकार के इस फैसले पर खिलाड़ियों की राय जानी गई तो अलग-अलग विचार निकलर सामने आए.

सरकार के फैसले से भिवानी के मुक्केबाजों में रोष, देखिए रिपोर्ट

इस क्लब ने दिए देश को बड़े-बड़े मुक्केबाज
बता दें कि भिवानी बाक्सिंग क्लब वो क्लब है जिसने बिजेंद्र, दिनेश, अखिल, जयभगवान, विकास कृष्ण यादव, कविता चहल, नीतू, साक्षी सरीखे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज दिए हैं. भिवानी बॉक्सिंग क्लब के प्रधान कमल सिंह ने सभी खिलाड़ियों के खातों में खेल विभाग की तरफ से दी जाने वाली राशि उन्हे घर बैठे अपने खातों में पहुंचा दिए जाने के फैसले पर कहा कि सरकार और खेल विभाग द्वारा खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए.

'प्रोत्साहन के लिए मंच पर सम्मान बेहद जरूरी है'
उन्होंने कहा कि चाहे खिलाड़ियों को जिला स्तर पर सम्मानित करे या खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया करें. उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ियों को मंच के माध्यम से सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाड़ियों का भी मनोबल और प्रेरणा मिलती. सरकार और खेल विभाग को खिलाड़ियों के साथ ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए.

खिलाड़ी भी हैं नाराज!
बहरहाल सरकार ने भले ही खिलाड़ियों को नकद ईनाम उनके खातों में डालने की बात कही हो, जो कि उन खिलाड़ियों के राहत की बात है जो कि तीन चार साल से ईनामी रकम से महरूम थे. बता दें कि राशि ना मिलने के मामले को भी विपक्ष व खिलाड़ी उठाते रहे थे तो सरकार ने बाकायदा सम्मान समारोह कर ईनामी राशि दिए जाने की बात कही थी, मगर अब एकाएक फैसला बदला गया है जिस कारण खिलाड़ी नाराज हैं. भले ही उन्हे ईनामी राशि मिलने वाली हो मगर उनका कहना है कि अगर उन्हें मंच पर सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता व उनका भी मनोबल बढ़ता.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 25 जून।
सम्मान समारोह रद्द किए जाने के बाद घर बैठे राशि पहुंचाने के फैसले से खिलाड़ी नाराज
चुपके से नकद राशि घर भेजने का तुक नहीं, सम्मान मिलता तो बढ़ता मनोबल : कमल
चाहे जिला स्तर पर ही सही, परंतु मंच के माध्यम से करना चाहिए खिलाडिय़ों को सम्मानित : कमल
गीता जयंती व योग पर होते हैं करोड़ों खर्च, परंतु खिलाडिय़ों के सम्मान पर क्यों नहीं : कमल
खिलाडिय़ों का सम्मान समारोह रद्द किए जाने के बाद खिलाडिय़ों व खेल प्रेमियों में रोष है व उनका कहना है कि इससे उनका मनोबल गिरेगा। खेल विभाग हरियाणा ने फैसला लिया है कि पिछले चार सालों से खिलाडिय़ों के पुरस्कार राशि उन्हे घर बैठे खातों में मिलेगी। जबकि इससे पहले राज्य स्तरीय समारोह आयोजित कर पुरस्कार राशि के चैक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता रहा है। सरकार के इस फैसले पर खिलाडिय़ों की राय जानी गई तो अलग-अलग विचार निकलर सामने आए।
देश विदेश में अपने मुक्कों का दम दिखाने वाले भिवानी मुक्केबाजी क्लब के मुक्केबाज भी सरकार द्वारा खिलाडिय़ों का सम्मान समारोह रद्द किए जाने के फैसले से नाराज हैं। उसके बाद सरकरा द्वारा खिलाडिय़ों की राशि उनके खातों में घर बैठे पहुंचाने के फैसल पर भी खिलाडिय़ों ने नाराजगी जताई और कहा कि खेल विभाग द्वारा खिलाडिय़ों का सम्मान सामूहिक रूप से किया जाना चाहिए था। बता दें कि भिवानी बाक्सिंग क्लब वो क्लब है जिसने बिजेंद्र, दिनेश, अखिल, जयभगवान, विकास कृष्ण यादव, कविता चहल, नीतू, साक्षी सरीखे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज दिए हैं।
Body: वही भिवानी बॉक्सिंग क्लब के प्रधान कमल सिंह ने सभी खिलाडिय़ों के खातों में खेल विभाग द्वारा दी जाने वाली राशि उन्हे घर बैठे अपने खातों में पहुंचा दिए जाने के फैसले पर कहा कि सरकार व खेल विभाग द्वारा खिलाडिय़ों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे खिलाडिय़ों को जिला स्तर पर सम्मानित करे, परन्तु खिलाडिय़ों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर खिलाडिय़ों को मंच के माध्यम से सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाडिय़ों का भी मनोबल व प्रेरणा मिलती। सरकार व खेल विभाग को खिलाडिय़ों के साथ ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए।
Conclusion:बहरहाल सरकार ने भले ही खिलाडिय़ों को नकद ईनाम उनके खातों में डालने की बात कही हो जो कि उन खिलाडिय़ों के राहत की बात है जो कि तीन चार साल से ईनामी रकम से महरूम थे। बता दें कि राशि ना मिलने के मामले को भी विपक्ष व खिलाड़ी उठाते रहे थे तो सरकार ने बाकायदा सम्मान समारोह कर ईनामी राशि दिए जाने की बात कही थी, मगर अब एकाएक फैसला बदला गया है जिस कारण खिलाड़ी नाराज हैं। भले ही उन्हे ईनामी राशि मिलने वाली हो मगर उनका कहना है कि अगर उन्हें मंच पर सम्मान मिलता तो दूसरे खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन मिलता व उनका भी मनोबल बढ़ता।
बाईट : खिलाड़ी एवं कमल प्रधान अध्यक्ष बीबीसी।
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