भिवानी: पिचौपा कलां ग्राम के सरपंच, ग्राम सचिव और एक खनन कंपनी की कथित मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला उजागर हुए 6 महीने का वक्त बीत चुका है. एसडीएम भी घोटाला होने की बात कह कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अभी तक अधिकारी हैं कि सोए बैठे हैं.
बता दें कि पंचायत को वित्तीय नुकसान करने और करोड़ों का घोटाला होने की मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इसके बारे में आरटीआई मांगी थी.
आरटीआई के बाद इस पूरे मामले की एसडीएम ने जांच करते हुए गांव के सरपंच, ग्राम सचिव और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिफारिस करते हुए इसकी रिपोर्ट उपायुक्त चरखी दादरी को 26 अगस्त 2019 भेजी थी. करीब पांच महीने के बाद भी मामले में कोई भी कार्रवाई नही हो पाई है.
जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब आरोपी सरपंच से बाचतीत हुई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया और फोन पर बताया कि उन्होंने अपना पक्ष उपायुक्त के सामने रख दिया है. उधर इस बारे में उपायुक्त चरखी दादरी धर्मबीर का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कानूनी सलाह के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के पास रिपोर्ट भेजी हुई है. कमेटी की रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
RTI के जरिए हुआ बड़ा खुलासा
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर ठेकेदार ने आरटीआई एक्ट के तहत संबंधित विभाग से पिचौपा कलां गांव की खनन की रॉयल्टी की जानकारी मांगी थी. जनसूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत ने एक खनन कंपनी से 10 प्रतिशत रॉयल्टी की बजाए महज 48 लाख रुपए प्रति साल के हिसाब से दो साल के लिए एग्रीमेंट कर रखा था, जबकि उसी गांव के पहाड़ के खनन पर 10 प्रतिशत की रॉयल्टी मिल रही थी.
ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
ऐसे में आरटीआई में हुए खुलासे से साबित हुआ कि एक निजी कंपनी से रॉयल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत की बजाए सिर्फ 48 लाख रुपए प्रति वर्ष ली गई. ऐसा करके पंचायत को करोड़ों रुपयों का सालाना नुकसान हुआ, जबकि पंचायत ने महज 48 लाख रुपए की रॉयल्टी का प्रस्ताव करते हुए संबंधित कंपनी के साथ दो वर्ष का एग्रीमेंट किया.
ये भी पढ़िए: रामकुमार गौतम ने फिर दिखाए बागी तेवर, कहा- मैं बोला तो बखेड़ा हो जाएगा खतरनाक
पंचायत को हुआ करोड़ों का नुकसान
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस घोटाला से पंचायत को करोड़ों का वित्तीय नुकसान पहुंचा है. महीनों बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है और वो जल्द से जल्द मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.