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भिवानी: सरपंच पर करोड़ों के घोटाले का आरोप, 5 महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई - पिचौपा कलां में करोड़ों का घोटाला

आरटीआई में खुलासा हुआ कि निजी कंपनी से रॉयल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत की बजाए सिर्फ 48 लाख रुपए प्रति वर्ष ली गई. ऐसा करके पंचायत को करोड़ों रुपयों का सालाना नुकसान हुआ है.

pichopa kalan sarpanch accused of scam
पिचौपा कलां के सरपंच पर करोड़ों के घोटाले का आरोप
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Published : Jan 16, 2020, 2:56 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 3:21 PM IST

भिवानी: पिचौपा कलां ग्राम के सरपंच, ग्राम सचिव और एक खनन कंपनी की कथित मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला उजागर हुए 6 महीने का वक्त बीत चुका है. एसडीएम भी घोटाला होने की बात कह कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अभी तक अधिकारी हैं कि सोए बैठे हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

बता दें कि पंचायत को वित्तीय नुकसान करने और करोड़ों का घोटाला होने की मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इसके बारे में आरटीआई मांगी थी.

आरटीआई के बाद इस पूरे मामले की एसडीएम ने जांच करते हुए गांव के सरपंच, ग्राम सचिव और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिफारिस करते हुए इसकी रिपोर्ट उपायुक्त चरखी दादरी को 26 अगस्त 2019 भेजी थी. करीब पांच महीने के बाद भी मामले में कोई भी कार्रवाई नही हो पाई है.

जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब आरोपी सरपंच से बाचतीत हुई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया और फोन पर बताया कि उन्होंने अपना पक्ष उपायुक्त के सामने रख दिया है. उधर इस बारे में उपायुक्त चरखी दादरी धर्मबीर का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कानूनी सलाह के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के पास रिपोर्ट भेजी हुई है. कमेटी की रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

RTI के जरिए हुआ बड़ा खुलासा
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर ठेकेदार ने आरटीआई एक्ट के तहत संबंधित विभाग से पिचौपा कलां गांव की खनन की रॉयल्टी की जानकारी मांगी थी. जनसूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत ने एक खनन कंपनी से 10 प्रतिशत रॉयल्टी की बजाए महज 48 लाख रुपए प्रति साल के हिसाब से दो साल के लिए एग्रीमेंट कर रखा था, जबकि उसी गांव के पहाड़ के खनन पर 10 प्रतिशत की रॉयल्टी मिल रही थी.

ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
ऐसे में आरटीआई में हुए खुलासे से साबित हुआ कि एक निजी कंपनी से रॉयल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत की बजाए सिर्फ 48 लाख रुपए प्रति वर्ष ली गई. ऐसा करके पंचायत को करोड़ों रुपयों का सालाना नुकसान हुआ, जबकि पंचायत ने महज 48 लाख रुपए की रॉयल्टी का प्रस्ताव करते हुए संबंधित कंपनी के साथ दो वर्ष का एग्रीमेंट किया.

ये भी पढ़िए: रामकुमार गौतम ने फिर दिखाए बागी तेवर, कहा- मैं बोला तो बखेड़ा हो जाएगा खतरनाक

पंचायत को हुआ करोड़ों का नुकसान

अनुमान लगाया जा रहा है कि इस घोटाला से पंचायत को करोड़ों का वित्तीय नुकसान पहुंचा है. महीनों बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है और वो जल्द से जल्द मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

भिवानी: पिचौपा कलां ग्राम के सरपंच, ग्राम सचिव और एक खनन कंपनी की कथित मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला उजागर हुए 6 महीने का वक्त बीत चुका है. एसडीएम भी घोटाला होने की बात कह कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अभी तक अधिकारी हैं कि सोए बैठे हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

बता दें कि पंचायत को वित्तीय नुकसान करने और करोड़ों का घोटाला होने की मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इसके बारे में आरटीआई मांगी थी.

आरटीआई के बाद इस पूरे मामले की एसडीएम ने जांच करते हुए गांव के सरपंच, ग्राम सचिव और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिफारिस करते हुए इसकी रिपोर्ट उपायुक्त चरखी दादरी को 26 अगस्त 2019 भेजी थी. करीब पांच महीने के बाद भी मामले में कोई भी कार्रवाई नही हो पाई है.

जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब आरोपी सरपंच से बाचतीत हुई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया और फोन पर बताया कि उन्होंने अपना पक्ष उपायुक्त के सामने रख दिया है. उधर इस बारे में उपायुक्त चरखी दादरी धर्मबीर का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कानूनी सलाह के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के पास रिपोर्ट भेजी हुई है. कमेटी की रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

RTI के जरिए हुआ बड़ा खुलासा
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर ठेकेदार ने आरटीआई एक्ट के तहत संबंधित विभाग से पिचौपा कलां गांव की खनन की रॉयल्टी की जानकारी मांगी थी. जनसूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत ने एक खनन कंपनी से 10 प्रतिशत रॉयल्टी की बजाए महज 48 लाख रुपए प्रति साल के हिसाब से दो साल के लिए एग्रीमेंट कर रखा था, जबकि उसी गांव के पहाड़ के खनन पर 10 प्रतिशत की रॉयल्टी मिल रही थी.

ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
ऐसे में आरटीआई में हुए खुलासे से साबित हुआ कि एक निजी कंपनी से रॉयल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत की बजाए सिर्फ 48 लाख रुपए प्रति वर्ष ली गई. ऐसा करके पंचायत को करोड़ों रुपयों का सालाना नुकसान हुआ, जबकि पंचायत ने महज 48 लाख रुपए की रॉयल्टी का प्रस्ताव करते हुए संबंधित कंपनी के साथ दो वर्ष का एग्रीमेंट किया.

ये भी पढ़िए: रामकुमार गौतम ने फिर दिखाए बागी तेवर, कहा- मैं बोला तो बखेड़ा हो जाएगा खतरनाक

पंचायत को हुआ करोड़ों का नुकसान

अनुमान लगाया जा रहा है कि इस घोटाला से पंचायत को करोड़ों का वित्तीय नुकसान पहुंचा है. महीनों बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है और वो जल्द से जल्द मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Intro:भिवानी :- आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगने पर पंचायत द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाला मामले में कार्रवाई की मांग, कई महीनों से उपायुक्त कार्यालय में धूल फांक रही एसडीएम की कार्रवाई रिपोर्टBody:

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भिवानी :- आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगने पर पंचायत द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाला मामले में कार्रवाई की मांग, कई महीनों से उपायुक्त कार्यालय में धूल फांक रही एसडीएम की कार्रवाई रिपोर्ट
एंकर:- बाढड़़ा हलके के पिचौपा कलां ग्राम पंचायत, ग्राम सचिव और एक खनन कंपनी की कथित मिलीभगत से करोड़ो का घोटाला करते हुए पंचायत को करोड़ों को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपियों पर कार्रवाई नही होने से गांव के लोगों को में काफी रोष है। पंचायत को वित्तीय नुकसान करने और करोड़ों का घोटाला होने की मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब गाव के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इसके बारे में जनसूचना अधिकार के तहत इस बारे में जानकारी जुटाई थी। आरटीआई के बाद इस पूरे मामले की एसडीएम ने जांच करते हुए गांव के सरपंच, ग्राम सचिव और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की शिफारिस करते हुए इसकी रिपोर्ट उपायुक्त चरखी दादरी को 26 अगस्त 2019 भेजी थी। करीब पांच माह के बाद भी मामले में कोई भी कार्रवाई नही होने से नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इस पूरे मामले को लेकर जब सरपंच से बाचतीत हुई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से इंकार कर दिया और दूरभाष पर बताया कि उन्होंने अपना पक्ष उपायुक्त के समक्ष रख दिया है। उधर इस बारे में उपायुक्त चरखी दादरी धर्मबीर ङ्क्षसह का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कानूनी सलाह के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के पास रिपोर्ट भेजी हुई है। कमेटी की रिपोर्ट आते ही समुचित कार्रवाई की जाएगी। अब लीगल ऑपिनियन के बाद भी पता चल पाएगा कि प्र्रशासन इसमे क्या कदम उठाता है।
वी/ओ 1:- हम आपको बता दें कि सुमेर ठेकेदार आरटीआई कार्यकर्ता पिचौपा कलां ने आरटीआई एक्ट के तहत संबंधित विभाग से पिचौपा कलां गांव की खनन की रायल्टी की जानकारी मांगी थी। जनसूचना अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत ने एक खनन कंपनी से 10 प्रतिशत रायल्टी की बजाए महज 48 लाख रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से दो वर्ष के लिए एग्रीमेंट कर रखा था। जबकि उसी गांव के पहाड़ के खनन को लेकर मलकियत वाले प्लाट से ग्रामीणों को 10 प्रतिशत की रायल्टी मिल रही है। ऐसे में आरटीआई में हुए खुलासे से साबित हुआ कि एक निजी कंपनी से रायल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत की बजाए 48 लाख रुपये प्रति वर्ष रायल्टी लेने से पंचायत को करोड़ों रुपयों का सालाना नुकसान हुआ है। जबकि पंचायत ने महज 48 लाख रुपये की रायल्टी का प्रस्ताव करते हुए संबंधित कंपनी के साथ दो वर्ष का एग्रीमेंट किया है। जिससे पंचायत को करोड़ों रुपयों की वित्तीय हानि का अनुमान है।
वी/ओ 2:-आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर ठेकेदार का आरोप है कि मिलीभगत से हुए एग्रीमेंट के कारण पंचायत को करोड़ों रुपयोंं का वित्तीय घाटा हुआ है। जिसके लिए उन्होंने इस मामले की तत्कालीन एसडीएम चरखी दादरी से शिकायत कर जांच भी करवाई। इस पूरे मामले की एसडीएम ने जांच की तथा जांच में पंचायत को करोड़ों का वित्तीय नुकसान होने का मामला पाए जाने पर संबंधी गांव की सरपंच, ग्राम सचिव और संबंधित कंपनी पर कार्रवाई करने की सिफारिश करते हुए इसकी रिपोर्ट उपायुक्त चरखी दादरी को 26 अगस्त 2019 को भेज दी थी। रिपोर्ट भेजे जाने के पांच माह बीत जाने पर उपायुक्त द्वारा कोई कार्रवाई नही किए जाने से ग्रामीणों में काफी रोष है।
वी/ओ 3:-पत्रकारों से बात करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर ठेकेदार ने आरोप लागते हुए बताया कि उन्होंने आरटीआई से सूचना मांगी थी, जिसमें पंचायत ने प्रशासन से मिलीभगत करके पंचायत को करीब 14 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि पूरे दादरी जिले में रायल्टी के नाम पर 10 प्रतिशत रायल्टी मिलती है जबकि पिचौपा कलां की सरपंच ने एक प्रतिशत सालाना रायल्टी का एग्रीमेंट कर रखा है। उन्होंने बताया कि रायल्टी के घोटाले की एसडीएम ने जांच करके उपायुृक्त को चार-पांच माह पूर्व रिपोर्ट भेज रखी है। मंगर अब तक कोई कार्रवाई नही हुआ है। अब मामला उपायुक्त की टेबिल पर पड़ा है।
वी/ओ 1:-पत्रकारों से बातचीत करते हुए धर्मबीर सिह उपायुक्त चरखी दादरी ने बताया कि पिचौपा के सरपंच के खिलाफ खनन मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आई हुई है। जिसमें पंचायत ने खनन के नाम पर जो एग्रीमेंट होता है उसमें खनन कंपनी से काफी कम रायल्टी ली हुई है। यह मामला लीगन ओपिनियन के लिए एसडीएम, डिस्ट्रिक एटोरनी और डीडीपीओ की तीन सदस्यीय कमेटी के पास भेज रखा है। इसके पंचायत विभाग के वकील भी शामिल हैं। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस स्क्रीप्ट की फीड har_lru_01_ pichopa kalan ghotala _hrc10008-फाईले मिलेंगी। इस स्टोरी की कुल फीड की 2 फाईले हैं।
har_lru_01_pichopa kalan ghotala_hrc10008-वी1- बाढड़ा के पिचौपा कलां गांव का गौरव पट्ट, गांव के कटशॉट, गांव में मौजूद लोग और आरटीआई कार्यकर्ता चर्चा करते हुए, खनन रायल्टी घौटाले की सूचना के दस्तावेज दिखाते हुए ग्रामीण, रिपोर्ट के कट शॉट।पिचौपा कलां गांव में पहाड़ के खनन के कट शॉट।
har_lru_01_ pichopa kalan ghotala_hrc10008-बी2:- सुमेर ठेकेदार आरटीआई कार्यकर्ता से बातचीत।धर्मबीर सिंह उपायुक्त चरखी दादरी से बातचीत।


                                             लोहारू से महासिंह श्योराण
                                                      09255109441         Conclusion:पत्रकारों से बातचीत करते हुए धर्मबीर सिह उपायुक्त चरखी दादरी ने बताया कि पिचौपा के सरपंच के खिलाफ खनन मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आई हुई है। जिसमें पंचायत ने खनन के नाम पर जो एग्रीमेंट होता है उसमें खनन कंपनी से काफी कम रायल्टी ली हुई है। यह मामला लीगन ओपिनियन के लिए एसडीएम, डिस्ट्रिक एटोरनी और डीडीपीओ की तीन सदस्यीय कमेटी के पास भेज रखा है। इसके पंचायत विभाग के वकील भी शामिल हैं। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
Last Updated : Jan 16, 2020, 3:21 PM IST
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