भिवानी: कोरोना महामारी (Corona Pandemic Haryana) के दौरान जिन आउटसोर्सिंग कर्मियों को कोरोना योद्धा और फ्रंटलाइन वर्कर (Frontline Worker Haryana) कहा गया. आज उनके बच्चे भूखे मरने को मजबूर हैं. कर्मचारियों के मुताबिक अगर यही हालात रहे तो वो आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगे. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल (Chaudhary Bansilal Civil Hospital Bhiwani) में नारेबाजी की.
सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ रोष जताते हुए स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि हमें 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. आरोप है कि काम ना करने पर हमें जान से मारने और हटाने की धमकी देता है. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि दुकानदारों ने उधार पर राशन और दूध देना बंद कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि अब आत्महत्या करने का मन करता है. कच्चे कर्मचारियों का कहना है कि अधिकतर कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. \
इन्होंने कहा कि अपनी समस्या को लेकर वो पांच सितंबर को गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिले थे, जिन्होंने हर महीने सात तारीख तक वेतन दिलाने का वायदा किया था, पर गब्बर (विज) की बात का कोई असर नहीं हो रहा.
इन कर्मचारियों ने कहा है कि वो अब गब्बर के आवास पर ही समाधान होने तक पड़ाव (Outsourcing health workers protested) डालेंगे. नागरिक अस्पताल की पीएमओ डॉ. मंजू कादियान का कहना है कि नागरिक अस्पताल में आउटसोर्सिग के 324 कर्मचारी हैं. हमारा काम इन सभी की हाजरी भेजने का है. जो समय पर किया जाता है. उन्होंने कहा कि इनकी समस्या को लेकर कागजी कार्रवाई की गई है.