भिवानी: किसानों ने सरकार पर एमएसपी गारंटी कानून (MSP guarantee Act) नहीं बनाने का आरोप दोहराया है. किसानों ने कहा कि एक वर्ष बीतने के बाद भी सरकार अपने किए वादे को पूरा नहीं कर पाई है. किसान मशाल यात्रा का समापन कर भिवानी पहुंचे किसान नेता व अधिवक्ता सुनील श्योराण ने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में किसान एक बार फिर से संघर्ष की तैयारी में है. अगर सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया तो किसान इस बार पहले से बड़ा आंदोलन करेंगे.
एमएसपी गारंटी कानून (Farmers demand msp) बनाने की मांग को लेकर किसानों ने 28 नवंबर को पंजाब के हुसैनीवाले बॉर्डर से किसान मशाल यात्रा शुरू की थी. इस यात्रा का शनिवार को टिकरी बॉर्डर पर समापन हो गया. इस दौरान यह यात्रा हरियाणा के गांवों में पहुंची और किसानों को उनका संघर्ष याद करवाया. किसान मशाल यात्रा का समापन कर भिवानी पहुंचे किसान नेता अधिवक्ता सुनील श्योराण एवं राजेश लक्ष्मणपुरा ने बताया कि एक वर्ष तक संघर्षरत्त रहे किसान सरकार के आश्वासन पर बीते वर्ष 11 दिसंबर को दिल्ली बॉर्डर से हटे थे.
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किसानों की घर वापसी के एक वर्ष बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया. एमएसपी गारंटी कानून बनाने की जगह सरकार इस पर विचार भी नहीं कर रही है. जिससे किसानों में रोष है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि किसान अपने हकों को भूल जाएंगे, लेकिन वे सरकार को चेताना चाहते हैं कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वे पहले से भी बड़ा आंदोलन करेंगे.
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