भिवानी: लॉकडाउन की मार और कोरोना का कहर झेल रहे प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. प्रवासियों ने घर जाने के लिए अपनी बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है.
उन्होंने कहा कि ना रहने को है और ना खाने को है. कहीं खाना मिलता है तो सोने को श्मशान घाट मिलता है. हालांकि, पुलिस ने इनको सतलोक आश्रम में भेजा है और कहा कि जब भी ट्रेन चलेगी उन्हें घर भेजा जाएगा.
ऐसे कुछ प्रवासी लोगों का उस समय सब्र जवाब दे गया, जब इन्हें घर जाने का कोई रास्ता नहीं सूझा. उन्होंने अपनी बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गुस्सा प्रकट किया.
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उनके पास ना कोई काम है और ना पैसा. उन्होंने बताया कि भिवानी महापंचायत द्वारा चलाई जा रही रसोई में खाना तो मिलता है, लेकिन सोना यहां श्मशान घाट में पड़ता है. उनका कहना है कि इनका रजिस्ट्रेशन 4 अप्रैल को हुआ था, लेकिन दस दिन बाद भी घर नहीं भेजा गया.