भिवानी: जिले में आयोजित तीन दिवसीय गीता महोत्सव का आज यानी मंगलवार को अंतिम दिन (Gita Jayanti Mahotsav Bhiwani) है. महोत्सव में तरह तरह के स्टाल और झांकियां प्रदर्शित की गई है. गीता जयंती महोत्सव में लगाई गई झांकियों प्राचीन भारतीय संस्कृति से लेकर ठेठ ग्रामीण हरियाणवी संस्कृति साफ झलक रही हैं. इसको देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चें, गांव वाले और शहरी आमजन पहुंच रहे हैं. कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल भी भिवानी में आयोजित गीता जयंती समारोह में लगी सैकड़ों पंडालों का अवलोकन कर चुके हैं.
भिवानी के गीता जयंती समारोह का प्रवेश द्वार एक भव्य द्वार की झलक देता है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का मोर पंख व बांसूरी एक बड़े आकार में मुख्य द्वार को दर्शनीय बनाती है. भीतर प्रवेश करते ही जहां एक तरफ प्राचीन भारतीय और हरियाणवी संस्कृति से संंबंधित सैंकड़ों स्टालें हैं. वहीं दूसरी तरफ हरियाणवी लोकनृत्य ढ़ोल नगाड़ों और बीण के साथ थिरकते हरियाणवी कलाकार, छात्र और आमजन सूरजकुंड में लगने वाले वार्षिक मेले की याद दिलाते है.
भिवानी जिला प्रशासन ने यहां बैठने के लिए उचित प्रबंध और अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से कर रखी हैं. भिवानी की गीता जयंती समारोह के बारे में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल का कहना है कि उन्होंने स्वयं भी भिवानी के गीता जयंती समारोह के पांडालों का अवलोकन कर चुके (Jai Prakash Dalal Visit Gita Mahotsav) हैं. इसमें गीता का उपदेश साफ झलकता है. हमारी नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और पूर्वजों के जीवन दर्शन का आभास गीता जयंती समारोह को देखकर मिलता है. उन्होंने कहा कि हरियाणवी जीवन दर्शन को लेकर विशेष स्टॉलें और झांकियां यहां लगाई गई हैं.
ये भी पढ़ें-गर्दन से मोटे सरियों को भी मोड़ देते हैं ये बाजीगर, करतब देखने वाले रह गए हैरान
बुजुर्गो को सम्मान दिलाने के उद्देश्य से लगाई गई झांकियों में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार एक वृद्ध व्यक्ति का पाश्चात्य संस्कृति से ओत-प्रोत परिजन अपमान करते हैं. बच्चें इस दृश्य को देखकर बुजुर्गो के साथ होने वाले भेदभाव को समझकर बुजुर्गो के सम्मान का भाव लेकर गीता जयंती समारोह से लौटेेंगे. इस प्रकार की अन्य झांकियां जिनमें सौर ऊर्जा, कृष्ण के विश्व स्वरूप, मिट्टी के बर्तन, पराली प्रबंधन, पशुपालन, भोजन करने के तरीकों सहित चरित्र निर्माण को लेकर अनेक झांकियां युवक-युवतियों को प्रेरित करती नजर आ रही हैं. गीता जयंती समारोह में भाग ले रहे छात्रों ने बताया कि उन्हे गीता जयंती समारोह में भारतीय संस्कृति को समझने व दूसरों तक अपनी बात पहुंचाने का अवसर मिला है. भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिए.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv bharat APP