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नवजात और छोटे बच्चे सर्दी में भी नहीं होंगे बीमार, शिशु रोग विशेषज्ञों से जानिए हेल्थ टिप्स - health tips for children

शिशु रोग विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी में बच्चों और नवजात को विशेष देखरेख (children care in winter) की जरूरत होती है. सर्दी में इनका कैसे ध्यान रखें और क्या साव​धानियां बरतें, जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट...

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नवजात और छोटे बच्चे सर्दी में भी नहीं होंगे बीमार.
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Published : Dec 29, 2022, 6:32 PM IST

शिशु रोग विशेषज्ञों से जानिए हेल्थ टिप्स.

भिवानी: पिछले एक सप्ताह के दौरान सर्दी बढ़ी है, जिससे ना केवल बुजुर्ग व जवान, बल्कि बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. सर्दी में अक्सर नवजात को निमोनिया और छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार हो जाता है. इसलिए सर्दियों में नवजात और छोटे बच्चों को विशेष देखभाल (health tips for children) की जरूरत होती है. इस मौसम में नवजात और छोटे बच्चों (health tips for child care) दिन में भी टोपी और मौजे पहनाकर रखें. बच्चों को रात के समय घर से बाहर ले जाने से बचें और सही समय पर उनका टीकाकरण अवश्य करवाएं.

जिले में इन दिनों रात का तापमान लगभग 3 से 4 डिग्री तो वहीं दिन का तापमान 12 से 14 डिग्री है. ऐसे में चिकित्सक नवजात शिशुओं को उचित आहार एवं उचित तापमान में रखने की सलाह दे रहे हैं, ताकि नवजात शिशुओं को ठंड से बचाया जा सके. डॉ. विनोद अंचल ने कहा कि छोटे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और गर्म पेय पदार्थ वाले आहार दें. उन्होंने बताया कि शिशु को ठंडे हाथ न लगाएं, क्योंकि इससे इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है.

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सर्दी में बच्चों और नवजात को विशेष देखरेख की जरूरत होती है.

पढ़ें: Breastfeeding Benefits : स्तनपान कराने से मां-बच्चे को होते हैं अनगिनत फायदे

उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को बेवजह घर से बाहर ना घूमने दें. डॉ. अंचल ने कहा कि इस तरह की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर छोटे बच्चों को सर्दी से बचाया जा सकता है. वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण ने बताया कि सर्दी में जवान व बुजुर्ग अपना बचाव कर सकते हैं, लेकिन बच्चे व शिशुओं का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. क्योंकि यह उनके लिए खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन दिनों ज्यादातर जुकाम, नजला व छाती में ठंड बैठने की वजह से सांस लेने में परेशानी होने के मामले सामने आ रहे हैं.

पढ़ें: जरूरी है परवरिश में संतुलन

मां का दूध होता है सर्वश्रेष्ठ: मां का दूध नवजात बच्चे के लिए सर्वेश्रेष्ठ टॉनिक होता है. छह महीने तक बच्चे को मां का ही दूध पिलाना चाहिए. यह दस्त, सर्दी-जुकाम से बच्चे को सुरक्षा देता है. इसके साथ ही नवजात को रात के वक्त घर से बाहर बिलकुल न ले जाएं. सीधे ठंडी हवा के संपर्क में आने से नवजात की सेहत बिगड़ सकती है.

समय पर टीकाकरण है बेहद जरूरी: शिशु रोग विशेषज्ञों की माने तो बच्चे का टीकाकरण कभी नहीं टालना चाहिए. बच्चे को समय पर टीके लगवाएं. मामूली बुखार आदि होने पर टीकाकरण टाल देना सही नहीं है.इसमें चूक न करें.

सर्दी में विशेष देखभाल की जरूरत: सर्दी के मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. कई बार हम नवजात और छोटे बच्चों को टोपी और मौजे नहीं पहनाते हैं, यह ठीक नहीं है. सर्दियों में नवजात और बच्चों को दिन में भी गर्म कपड़े पहनाएं. सिर पर टोपी और पैरों में मौजे होने पर बच्चे बीमार नहीं होंगे. रात में नवजात को हमेशा मां के साथ ही रखे, जिससे बच्चे को मां के शरीर से गर्मी मिलती रहती है.

शिशु रोग विशेषज्ञों से जानिए हेल्थ टिप्स.

भिवानी: पिछले एक सप्ताह के दौरान सर्दी बढ़ी है, जिससे ना केवल बुजुर्ग व जवान, बल्कि बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. सर्दी में अक्सर नवजात को निमोनिया और छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार हो जाता है. इसलिए सर्दियों में नवजात और छोटे बच्चों को विशेष देखभाल (health tips for children) की जरूरत होती है. इस मौसम में नवजात और छोटे बच्चों (health tips for child care) दिन में भी टोपी और मौजे पहनाकर रखें. बच्चों को रात के समय घर से बाहर ले जाने से बचें और सही समय पर उनका टीकाकरण अवश्य करवाएं.

जिले में इन दिनों रात का तापमान लगभग 3 से 4 डिग्री तो वहीं दिन का तापमान 12 से 14 डिग्री है. ऐसे में चिकित्सक नवजात शिशुओं को उचित आहार एवं उचित तापमान में रखने की सलाह दे रहे हैं, ताकि नवजात शिशुओं को ठंड से बचाया जा सके. डॉ. विनोद अंचल ने कहा कि छोटे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और गर्म पेय पदार्थ वाले आहार दें. उन्होंने बताया कि शिशु को ठंडे हाथ न लगाएं, क्योंकि इससे इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है.

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सर्दी में बच्चों और नवजात को विशेष देखरेख की जरूरत होती है.

पढ़ें: Breastfeeding Benefits : स्तनपान कराने से मां-बच्चे को होते हैं अनगिनत फायदे

उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को बेवजह घर से बाहर ना घूमने दें. डॉ. अंचल ने कहा कि इस तरह की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर छोटे बच्चों को सर्दी से बचाया जा सकता है. वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण ने बताया कि सर्दी में जवान व बुजुर्ग अपना बचाव कर सकते हैं, लेकिन बच्चे व शिशुओं का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. क्योंकि यह उनके लिए खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन दिनों ज्यादातर जुकाम, नजला व छाती में ठंड बैठने की वजह से सांस लेने में परेशानी होने के मामले सामने आ रहे हैं.

पढ़ें: जरूरी है परवरिश में संतुलन

मां का दूध होता है सर्वश्रेष्ठ: मां का दूध नवजात बच्चे के लिए सर्वेश्रेष्ठ टॉनिक होता है. छह महीने तक बच्चे को मां का ही दूध पिलाना चाहिए. यह दस्त, सर्दी-जुकाम से बच्चे को सुरक्षा देता है. इसके साथ ही नवजात को रात के वक्त घर से बाहर बिलकुल न ले जाएं. सीधे ठंडी हवा के संपर्क में आने से नवजात की सेहत बिगड़ सकती है.

समय पर टीकाकरण है बेहद जरूरी: शिशु रोग विशेषज्ञों की माने तो बच्चे का टीकाकरण कभी नहीं टालना चाहिए. बच्चे को समय पर टीके लगवाएं. मामूली बुखार आदि होने पर टीकाकरण टाल देना सही नहीं है.इसमें चूक न करें.

सर्दी में विशेष देखभाल की जरूरत: सर्दी के मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. कई बार हम नवजात और छोटे बच्चों को टोपी और मौजे नहीं पहनाते हैं, यह ठीक नहीं है. सर्दियों में नवजात और बच्चों को दिन में भी गर्म कपड़े पहनाएं. सिर पर टोपी और पैरों में मौजे होने पर बच्चे बीमार नहीं होंगे. रात में नवजात को हमेशा मां के साथ ही रखे, जिससे बच्चे को मां के शरीर से गर्मी मिलती रहती है.

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