भिवानी: हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने गठबंधन सरकार से विधानसभा में पेश होने वाले कर्मचारियों के लिए अलग से प्रावधान करने की मांग करते हुए कहा कि जिन मांगों पर सहमति बन चुकी है, उन्हें तुरंत लागू किया जाए ताकि सरकार व कर्मचारियों में आपसी तालमेल बना रहे. अगर सरकार ने स्वीकृत समझौते के तहत मांगों को पूरा नहीं किया तो जल्द ही प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर आंदोलन की घोषणा की जाएगी.
ये बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने सोमवार को भिवानी के बस स्टैंड परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. इस दौरान उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता मनोज बल्लू बामला, जिला प्रधान सुरजमल लेघां भी मौजूद थे.
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'केंद्रीय बजट निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बजट है'
प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा जो बजट जारी किया गया वो निजीकरण नीति को बढ़ावा देने वाला और पूर्ण रूप से कर्मचारी व श्रमिक विरोधी था.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में एयर इंडियास, एलआईसी, आईडीबीआई बैंकों को बेचने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एव जनसेवाओं का निजीकरण करने का काम किया है. वर्तमान समय में आर्थिक मंदी व बेरोजगारी भयंकर रूप धारण कर गई है, इसलिए सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए.
कर्मचारी संघ की मुख्य मांगें
वीरेंद्र धनखड़ ने गठबंधन सरकार से सरकारी विभागों में लाखों खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति करने, पुरानी पेंशन बहाली, पंजाब के समान वेतन, कच्चे कर्मचारियों का पक्का करने जैसी कई मांगें रखी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी है और सरकार की योजनाएं आम जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करता है, लेकिन सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है.