भिवानी: हरियाणा बोर्ड परीक्षा 10वीं और 12वीं में प्रदेश की सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम कम रहना हरियाणा शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय है. सरकारी स्कूलों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे में अब बोर्ड परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाने के लिए मंथन शुरू हो गया है. बोर्ड ने 60 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम रहने वाले सभी स्कूलों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर परीक्षा परिणाम बेहतर करने की कवायद की जाएगी.
हरियाणा शिक्षा विभाग ने विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किए गए 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों को लेकर गंभीरता दिखाई है. परिणामों की घोषणा के साथ ही नोटिस जारी किया गया है कि जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 60 फीसदी से कम है, उनकी सूची तैयार की जाए. ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों को परिणाम सुधारने के लिए प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं. विभाग ने प्रदेश के ऐसे सभी स्कूलों से परीक्षा परिणामों की सूची मंगवाई है.
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सूची नहीं भेजने वाले स्कूलों को भी सख्त हिदायतें जारी की गई हैं. विभाग द्वारा प्रशिक्षण के दौरान स्कूलों के शिक्षकों को नई तकनीकों एवम प्रविधियों से अवगत करवाया जाएगा. यह तकनीक वो तकनीक होंगी, जिनसे परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाया जा सकेगा. कई स्कूलों का परीक्षा परिणाम बोर्ड परीक्षाओं में कमतर आंका गया है, जबकि भारी-भरकम राशि केवल वेतन और अन्य मदों पर ही खर्च की जाती है.
ऐसे में विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए परीक्षा परिणाम सुधारने की कवायद तेज कर दी है और यह इसी कड़ी का हिस्सा है कि कमतर परीक्षा परिणाम लाने वाले अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश की डाइट यानी जिला शिक्षा एवं अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान में अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कम परिणाम आने के कारणों, शिक्षण पद्धतियों और तकनीकों पर गहनता से विचार विमर्श किया जाएगा.
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परिणाम सुधारने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. इस बारे में अध्यापकों का कहना है कि प्रशिक्षण शिविरों में बोर्ड परीक्षा के परिणाम को कैसे बेहतर बनाया जाए, इसको लेकर चर्चा की जाएगी. भिवानी जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह के अनुसार हरियाणा बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए बोर्ड ने यह कदम उठाया है.