भिवानी: श्री गुरुनानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाश पर्व आज पूरे देश में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया. गुरु नानक देव की शिक्षाओं और समाज के प्रति उनके योगदान को याद कर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है.
भिवानी में प्रकाश पर्व की धूम
इसी कड़ी में आज भिवानी के गुरुद्वारों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. जगह-जगह गुरुद्वारों में भक्तों के लिए प्रसाद बनाए गए और बांटे गए. गुरूद्वारे में लोगों ने कीर्तन में भाग लिया. वहीं गुरुद्वारा में पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना था कि सभी एक ही परमात्मा के बंदे हैं कोई ऊंच नीच नहीं है. इसलिए गुरु नानक देव जी ने एक पंक्ति में बैठ कर भोजन करने की पंरपरा चलाई और छोटे-बड़े का भेदभाव खत्म किया.
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गुरु नानक देव जी थे सिखों के पहले गुरू
बता दें कि गुरु नानक देव जी सिखों के पहले गुरु थे. उनका जन्म सन् 1469 में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को हुआ था. गुरु नानक देव जी की वाणी जीवन को सरलतम और श्रेष्ठतम बनाने के उपाय माने जाते हैं. उन्होंने हार-जीत, मान-अपमान, इच्छा-लोभ को दुख का कारण बताया है. मोह को घिसकर स्याही बनाओ, बुद्धि को श्रेष्ठ कागज और प्रेम को कलम बनाकर चित्त को लेखक बनाओ. जैसी कई बातें गुरु नानक देव जी ने कही है.
मानवता का दिया था संदेश
गुरु नानक देव जी ने पैदल ही पूरे विश्व में घूम कर मानवता का संदेश दिया था. नानक देव जी ने जाति-पाति का भेदभाव मिटाकर सभी को एक ही संदेश दिया था कि सभी उस परमात्मा के बंदे हैं, जिसने इस सृष्टि को बनाया है.