भिवानी: जिले में गांवों को लाल डोरा से मुक्त करवाने के लिए 27 सितंबर से ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा. उपायुक्त अजय कुमार ने इस बारे में संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं.
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने की प्रक्रिया की जा रही है. इसी कड़ी में जिला में 27 सितंबर को गांव ढ़ाणी ब्राह्मणान, गांव भाखड़ा,व खैरपुरा मजरा गोलागढ़ में, 28 सितंबर को भानगढ़, गोलागढ़, हेतमपुरा, लालावास, पोहकरवास, बाबरवास व चंदावास में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा.
सभी गांवों में सुबह दस बजे ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी. सभी गांवों से संबंधित ग्राम सचिव व पंचायत विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे.
क्या है लाल डोरा व्यवस्था?
लाल डोरा व्यवस्था 1908 में अंग्रेजों ने बनाई थी. लाल डोरा व्यवस्था का मकसद रेवेन्यू रिकॉर्ड रखने के लिए खेती बाड़ी की जमीन के साथ गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के लिए नक्शे पर आबादी के बाहर लाल रेखा खिंच दी जाती थी. लाल रेखा की वजह से इसके तहत आने वाली जमीन या क्षेत्र लाल डोरा कहलाने लगा. ये व्यवस्था दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लागू थी.
लाल डोरा में जो भी क्षेत्र आता है. उसमें बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के लोग अपना निर्माण कर सकते हैं. यानी ना नगर पालिका से पूछताछ और ना ही कोई नक्शा पास कराए लोग अपनी जरूरत के मुताबिक निर्माण कर सकते हैं. चूंकी लाल डोरा में जमीनों का कोई सरकारी हिसाब नहीं होता. इसलिए जिस जमीन पर जिसका कब्जा होता है. वो जमीन उसकी हो जाती है. इसलिए ना तो इन जमीनों को कोई बेच सकता है और ना ही बैंक इन जमीनों पर लोन दे सकता है. इसलिए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य के 242 गांवों को 2 अक्टूबर को लाल डोरा से मुक्त किए जाने की घोषणा की है.
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