भिवानी: आज देश लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती मना रहा है. हिन्दुस्तान को आजादी मिलने के बाद पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. यहीं कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस साल 2014 में मनाया गया था.
इसी के तहत शनिवार को भिवानी में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई गई एवं उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भिवानी के बीजेपी विधायक घनश्याम सर्राफ पहुंचे.
इस मौके पर भिवानी विधायक ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ऐसे विशाल व्यक्तित्व के स्वामी थे, जिन्होने अखंड भारत की स्थापना करने के लिए अपना सर्वस्व झोंक दिया. उनके बताए रास्ते पर चलकर हम गौरवशाली भारत का निर्माण कर सकते हैं.
विधायक ने कहा कि आजादी के बाद भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने 565 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवाकर अखंड भारत और राष्ट्रीय एकता की नींव रखी थी. दुनिया के इतिहास में ये पहला अवसर था, जब बिना किसी रक्तपात के रियासतों का विलय करवाया गया हो. वल्लभ भाई पटेल सही मायनों में राष्ट्रीय एकता की प्रतिमूर्ति और बेजोड़ शिल्पी थे. स्वतंत्र भारत को अखण्ड बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है.
विधायक ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को लौह पुरुष के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए और देश व प्रदेश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ सत्यनिष्ठा से विकास में योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल द्वारा रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चार्य था.
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