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भिवानी: फसल खराब होने से गुस्से में किसान - HARYANA NEWS IN HINDI

किसान कपास, मूंग और ज्वार की फसल में आए रोग से चौपट हुई फसल को लेकर गुस्साए हुए हैं. जिससे आक्रोषित किसानों ने लोहारू में प्रदर्शन किया.

Farmers Protest in Bhiwani
SDM को सौंपा ज्ञापन
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Published : Sep 2, 2020, 1:31 PM IST

भिवानी: लोहारू क्षेत्र में इन दिनों किसान कपास, मूंग और जवार की फसल में आए रोग से चौपट हुई फसल को लेकर गुस्साए हुए हैं. जिससे आक्रोषित किसानों ने लोहारू में प्रदर्शन किया और बर्बाद फसल की विशेष गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

इस दौरान किसानों ने एसडीएम जगदीश चंद्र को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने उनकी मांगों का 7 दिन में समाधान नहीं होने की सूरत में सात दिन का अल्टीमेटम दिया है. यदि सात दिनों में किसानों की मांगे नही मानी गई तो किसाना अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे. इस दौरान किसानों ने बर्बाद हुई फसलों के पौधे भी एसडीएम को दिखाए.

भिवानी: फसल खराब होने से गुस्से में किसान

उधर किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि उन्हें कृषि विभाग की ओर से भी कोई मदद नही मिली. यहीं नही लगातार हर वर्ष किसानों की फसल रोग की चपेट में आकर चौपट होती जा रही है जबकि कृषि वैज्ञानिक अब तक उसका कोई समाधान नही निकाल पाए है. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा हैं.

एसडीएम जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों ने कपास, मूंग आदि फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर मुआवजे की मांग की है. कृषि विभाग के अधिकारियों को इससे संबंधी आदेश पहले ही दिए हुए हैं. उनकी मांगों को सरकार को भेजा जाएगा.

'बीमारी का इलाज खोजें कृषि वैज्ञानिक'

हम आपको बता दें कि लोहारू उपमण्डल के मेहनती किसानों ने अपने बुलंद हौंसलों के साथ रेगिस्तानी टीलों में भी भरपूर कपास उत्पादन करके दिखाया हैं. पिछले कुछ सालों से यहां कपास पर सफेद मक्खी और झुलसा रोक का प्रकोप होने लगा है. जिसके चलते टिंडे आने के समय हफ्ता-दस दिन में ही पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है.

किसान कृषि विभाग की सलाह से कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं मगर सभी उपाय बेअसर सिद्ध होते हैं. कपास जैसी भारी निवेश वाली और नकदी फसल का इस तरह नष्ट हो जाना किसानों के लिए बहुत कष्टकारी होता हैं. किसानों का कहना है कि कृषि वैज्ञानिकों को जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज खोजना चाहिए ताकि किसानों को भी नुक्सान न हो और भरपूर कपास उत्पादन मिल सकें.

शुरू करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

भाकियू के खंड प्रधान धर्मपाल बारवास ने कहा कि लोहारू क्षेत्र के किसानेां की कपास, मूंग व गवार की फसल चौपट हो गई हैं. किसानों की हालत दयनीय हो गई, सरकार को चाहिए कि वो किसान को समुचित मुहावजा दें. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो बर्बाद हुई फसलों की विशेष गिरदावरी करवाए और किसानों को मुआवजा दें. उन्होंने कहा कि वे कृषि विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं किंतु उन्हें भी बर्बाद हुई फसल से किस रोग से बर्बाद हुई इसका पता ही नही र्है. उन्होंने कहा कि यदि सात दिनों में किसानों की बर्बाद हुई फसल की विशेष गिरदावरी नही की गई तो 7 सितंबर को भारी संख्या में किसान एकत्रित होंगे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.

पत्रकारों से बात करते हुए एसडीएम जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों ने कपास आदि फसलों में हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराने और पीडि़त किसानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है. कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा गया है, वो कार्रवाई कर रहे हैं. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उनका ज्ञापन सरकार के पास भेज दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं-कुरुक्षेत्र: नशा करने से रोका तो नशेड़ी ने बिजली के खंभे पर किया हाई वोल्टेज ड्रामा

भिवानी: लोहारू क्षेत्र में इन दिनों किसान कपास, मूंग और जवार की फसल में आए रोग से चौपट हुई फसल को लेकर गुस्साए हुए हैं. जिससे आक्रोषित किसानों ने लोहारू में प्रदर्शन किया और बर्बाद फसल की विशेष गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

इस दौरान किसानों ने एसडीएम जगदीश चंद्र को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने उनकी मांगों का 7 दिन में समाधान नहीं होने की सूरत में सात दिन का अल्टीमेटम दिया है. यदि सात दिनों में किसानों की मांगे नही मानी गई तो किसाना अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे. इस दौरान किसानों ने बर्बाद हुई फसलों के पौधे भी एसडीएम को दिखाए.

भिवानी: फसल खराब होने से गुस्से में किसान

उधर किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि उन्हें कृषि विभाग की ओर से भी कोई मदद नही मिली. यहीं नही लगातार हर वर्ष किसानों की फसल रोग की चपेट में आकर चौपट होती जा रही है जबकि कृषि वैज्ञानिक अब तक उसका कोई समाधान नही निकाल पाए है. जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा हैं.

एसडीएम जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों ने कपास, मूंग आदि फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर मुआवजे की मांग की है. कृषि विभाग के अधिकारियों को इससे संबंधी आदेश पहले ही दिए हुए हैं. उनकी मांगों को सरकार को भेजा जाएगा.

'बीमारी का इलाज खोजें कृषि वैज्ञानिक'

हम आपको बता दें कि लोहारू उपमण्डल के मेहनती किसानों ने अपने बुलंद हौंसलों के साथ रेगिस्तानी टीलों में भी भरपूर कपास उत्पादन करके दिखाया हैं. पिछले कुछ सालों से यहां कपास पर सफेद मक्खी और झुलसा रोक का प्रकोप होने लगा है. जिसके चलते टिंडे आने के समय हफ्ता-दस दिन में ही पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है.

किसान कृषि विभाग की सलाह से कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं मगर सभी उपाय बेअसर सिद्ध होते हैं. कपास जैसी भारी निवेश वाली और नकदी फसल का इस तरह नष्ट हो जाना किसानों के लिए बहुत कष्टकारी होता हैं. किसानों का कहना है कि कृषि वैज्ञानिकों को जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज खोजना चाहिए ताकि किसानों को भी नुक्सान न हो और भरपूर कपास उत्पादन मिल सकें.

शुरू करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

भाकियू के खंड प्रधान धर्मपाल बारवास ने कहा कि लोहारू क्षेत्र के किसानेां की कपास, मूंग व गवार की फसल चौपट हो गई हैं. किसानों की हालत दयनीय हो गई, सरकार को चाहिए कि वो किसान को समुचित मुहावजा दें. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो बर्बाद हुई फसलों की विशेष गिरदावरी करवाए और किसानों को मुआवजा दें. उन्होंने कहा कि वे कृषि विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं किंतु उन्हें भी बर्बाद हुई फसल से किस रोग से बर्बाद हुई इसका पता ही नही र्है. उन्होंने कहा कि यदि सात दिनों में किसानों की बर्बाद हुई फसल की विशेष गिरदावरी नही की गई तो 7 सितंबर को भारी संख्या में किसान एकत्रित होंगे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.

पत्रकारों से बात करते हुए एसडीएम जगदीश चंद्र ने बताया कि किसानों ने कपास आदि फसलों में हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी कराने और पीडि़त किसानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है. कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा गया है, वो कार्रवाई कर रहे हैं. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उनका ज्ञापन सरकार के पास भेज दिया जाएगा.

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