भिवानी: बिना मुआवजा दिए खेतों में टावर लगाने के विरोध में निमड़ीवाली गांव के किसान कई तरीकों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और हरियाणा बिजली वितरण निगम से पावर ग्रिड के टावर लगाने के बदले मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसी के तहत निमड़ीवाली गांव धरने पर शनिवार को किसानों ने शीर्षासन कर विरोध जताया.
गौरतलब है कि खेतों में बिना किसी मुआवजा राशि के लगाए जा रहे हरियाणा बिजली वितरण निगम के पावर ग्रिड के टावर के विरोध में निमड़ीवाली गांव में किसानों का धरना शनिवार को 30वें दिन भी जारी रहा. इस दौरान किसानों ने कंपनी औक प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि पिछले एक महीने से विभिन्न तरीकों से अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. किसान कभी पंचकूला बोर्ड मुख्यालय का घेराव तो कभी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत करवा चुके हैं. इसके साथ ही कभी महिलाएं तो कभी अलग-अलग समाज के लोग भी धरने की कमान संभाल रहे हैं.
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इन सबसे हटकर शनिवार को निमड़ीवाली गांव के किसानों ने शीर्षासन कर अनोखी तरह से टावरों के विरोध में कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों का विरोध किया. इस दौरान धरने पर बैठे किसान लीलाराम दुहन ने करीब दो घंटे तक शीर्षासन कर विरोध जताया.
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किसानों ने कहा कि उन्हें प्रति टावर 30 लाख रुपये और जिसके खेत से बिजली की लाइन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रुपये मुआवजा या प्रति माह का किराया दिया जाए. साथ ही चेतावनी दी जबतक मुआवजा नहीं दिया जाएगा, उनका ये विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. बता दें कि साल 2011 में निमड़ीवाली गांव में निजी कंपनी का पावर ग्रिड बना था. यहां से अब तीसरी बार बड़ी लाइन निकाली जा रही है, जिसके बड़े-बड़े टावर लगाए जाने हैं. जिसका किसान विरोध कर रहे हैं.