भिवानी: हाल ही केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में तीन बदलाव किए थे. इस बदलाव को करने के लिए केंद्र सरकार तीन अध्यादेश लेकर आई थी, जिसका खूब विरोध हो रहा है. भिवानी में भी केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यायदेशों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन किया.
कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन
इस प्रदर्शन में मंडी आढ़तियों ने संयुक्त रूप से भाकियू युवा जिला अध्यक्ष राकेश आर्य निमड़ीवाली की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया और अध्यादेशों की प्रतियां जलाई. इसके बाद किसानों और आढ़तीयों ने संयुक्त रूप से उपायुक्त अजय कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा.
किसान और आढ़तियों ने जताया विरोध
राकेश आर्य ने कहा कि सरकार ने एसंसल कोमोडिटी एक्ट 1955 में बदलाव करके आलू, प्याज, दलहन, तिलहन आदि भण्डारण पर लगी रोक को हटा लिया है. इसे किसानों को नहीं बल्कि बड़ी कंपनियों को ही फायदा होगा. देश में 80 फीसदी लघु किसान हैं जो अपने उत्पादन का भण्डारण लंबे समय तक नहीं कर सकते हैं.
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किसान अपनी जमीन पर ही बन जाएगा मजदूर
सरकार कॉन्ट्रेक्ट खेती को बढ़ावा दे रही है. इस के चलते किसान अपनी ही जमीन पर कंपनियों के मजदूर बन जाएंगे और किसानी का अपना वजूद खत्म हो जाएगा. उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि सरकार तीनों कृषि विरोधी अध्यादेशों को तुरंत वापस ले.
और कहा कि सरकार डीजल की कीमतों को कम करें, जिससे किसानों पर बढ़ती हुई महंगाई के बोझ को कम किया जा सकें. उन्होंने बताया कि तीनों अध्यादेशों के खिलाफ 10 सितंबर को पिपली वाली में किसानों और आढ़तियों की महापंचायत होगी.