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विश्व टीबी दिवस पर भिवानी में हुआ राज्यस्तरीय कार्यक्रम

आज विश्व टीबी दिवस (World Tuberculosis Day) है. 24 मार्च को हर साल विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाते हैं. भारत सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) रोग से मुक्त करने का प्रयास कर रही है. वहीं हरियाणा में साल के अंत तक टीबी मुक्त प्रदेश का लक्ष्य रखा गया हैं.

2025 तक भारत को टीबी मुक्त करना हमारा लक्ष्य- विधायक घनश्याम दास सर्राफ
2025 तक भारत को टीबी मुक्त करना हमारा लक्ष्य- विधायक घनश्याम दास सर्राफ
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Published : Mar 24, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 6:18 PM IST

भिवानी: आज विश्व टीबी दिवस है. 24 मार्च को हर साल विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाते हैं. भारत सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) रोग से मुक्त करने का प्रयास कर रही है. हरियाणा में साल के अंत तक टीबी मुक्त प्रदेश का लक्ष्य रखा गया हैं. इस कड़ी में गुरुवार को विश्व टीबी दिवस पर भिवानी (Tuberculosis Day in Bhiwani) में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया.

टीबी जांच के लिए एक मोबाईल वैन को हरियाणा में ब्रांड एंबेसडर डॉ. शिवकांत शर्मा व भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ ने रवाना किया. टीबी के ब्रांड एंबेसडर डॉ. शिवकांत शर्मा ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकारें ने देश को टीबी मुक्त करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. जिसके तहत प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में टीबी के मरीजों की जांच करने के लिए मोबाइल वैन सेवा को चलाया जा रहा है.

भारत में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर 219 टीबी के मरीज पाए जाते हैं. भारत में सबसे अधिक टीबी के मरीज उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान व बिहार में मिलते हैं. ऐसे में हरियाणा राज्य टीबी मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं. विधायक घनश्याम सर्राफ ने बताया कि हरियाणा राज्य में टीबी के मरीज को सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क दवाईयां दी जाती है. वहीं छह महीने तक मरीज के खाते में पोषक भोजन के लिए 500 रुपये की अनुदान राशि भी दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- एरोसोल से कोविड-19 की तरह फैलता है टीबी: अध्ययन

जो व्यक्ति टीबी के मरीज को चिह्नित करने में मदद करता है, उसे 500 रूपये तथा टीबी के मरीजों को समय पर दवाईयां देने के लिए आशा वर्कर्स व डॉक्टरी स्टॉफ को 500 रूपये इंसेंटिव भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है. घनश्याम सर्राफ ने बताया कि साल के अंत तक हरियाणा को पूरी तरह से टीबी मुक्त किया जायेगा. भिवानी जिले में पिछले वर्ष कुल 2810 टीबी के मामले आए थे, जबकि इस वर्ष जिले में 602 मामले है, जिनका ईलाज किया जा रहा हैं.

क्षय रोग प्रभारी डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि टीबी एक जानलेवा बीमारी नहीं रही. इसका ईलाज पूर्णतया संभव हैं. जिस भी मरीज को दो सप्ताह से अधिक खांसी, हल्का बुखार, भूख में कमी महसूस रहती हो. ऐसे मरीज को टीबी और बलगम जांच तुरंत करवानी चाहिए. टीबी की जांच प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क होती हैं तथा ईलाज भी नि:शुल्क दिया जाता हैं. बात दें कि वर्ष 1982 में डॉ. रॉबर्ट कोच ने ट्यूबरक्लोसिस के बैक्टीरिया की खोज की थी, तब से हर वर्ष 24 मार्च को ट्यूबरक्लोसिस दिवस मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- पानीपत में बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या, डॉक्टर्स से जानें बचाव के उपाय

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भिवानी: आज विश्व टीबी दिवस है. 24 मार्च को हर साल विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाते हैं. भारत सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) रोग से मुक्त करने का प्रयास कर रही है. हरियाणा में साल के अंत तक टीबी मुक्त प्रदेश का लक्ष्य रखा गया हैं. इस कड़ी में गुरुवार को विश्व टीबी दिवस पर भिवानी (Tuberculosis Day in Bhiwani) में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया.

टीबी जांच के लिए एक मोबाईल वैन को हरियाणा में ब्रांड एंबेसडर डॉ. शिवकांत शर्मा व भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ ने रवाना किया. टीबी के ब्रांड एंबेसडर डॉ. शिवकांत शर्मा ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकारें ने देश को टीबी मुक्त करने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. जिसके तहत प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में टीबी के मरीजों की जांच करने के लिए मोबाइल वैन सेवा को चलाया जा रहा है.

भारत में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर 219 टीबी के मरीज पाए जाते हैं. भारत में सबसे अधिक टीबी के मरीज उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान व बिहार में मिलते हैं. ऐसे में हरियाणा राज्य टीबी मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं. विधायक घनश्याम सर्राफ ने बताया कि हरियाणा राज्य में टीबी के मरीज को सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क दवाईयां दी जाती है. वहीं छह महीने तक मरीज के खाते में पोषक भोजन के लिए 500 रुपये की अनुदान राशि भी दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- एरोसोल से कोविड-19 की तरह फैलता है टीबी: अध्ययन

जो व्यक्ति टीबी के मरीज को चिह्नित करने में मदद करता है, उसे 500 रूपये तथा टीबी के मरीजों को समय पर दवाईयां देने के लिए आशा वर्कर्स व डॉक्टरी स्टॉफ को 500 रूपये इंसेंटिव भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है. घनश्याम सर्राफ ने बताया कि साल के अंत तक हरियाणा को पूरी तरह से टीबी मुक्त किया जायेगा. भिवानी जिले में पिछले वर्ष कुल 2810 टीबी के मामले आए थे, जबकि इस वर्ष जिले में 602 मामले है, जिनका ईलाज किया जा रहा हैं.

क्षय रोग प्रभारी डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि टीबी एक जानलेवा बीमारी नहीं रही. इसका ईलाज पूर्णतया संभव हैं. जिस भी मरीज को दो सप्ताह से अधिक खांसी, हल्का बुखार, भूख में कमी महसूस रहती हो. ऐसे मरीज को टीबी और बलगम जांच तुरंत करवानी चाहिए. टीबी की जांच प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क होती हैं तथा ईलाज भी नि:शुल्क दिया जाता हैं. बात दें कि वर्ष 1982 में डॉ. रॉबर्ट कोच ने ट्यूबरक्लोसिस के बैक्टीरिया की खोज की थी, तब से हर वर्ष 24 मार्च को ट्यूबरक्लोसिस दिवस मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- पानीपत में बढ़ रही टीबी के मरीजों की संख्या, डॉक्टर्स से जानें बचाव के उपाय

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Last Updated : Mar 24, 2022, 6:18 PM IST
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