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भिवानी: कर्मचारियों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर बिफरे कर्मचारी नेता

भिवानी में कर्मचारियों ने कई समस्याओं और मांगों को लेकर सीएम मनोहर लाल और पीएम मोदी के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है. कर्मचारी संगठन ने राज्य सरकार द्वारा पेंशन धारकों के डीए काटे जाने वाले फैसले को गलत बताया है.

कर्मचारी संगठन
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Published : May 22, 2020, 5:10 PM IST

भिवानी: ऐटक ने कर्मचारियों, पेंशन धारक और मजदूरों की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ऐटक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है.

ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए ऐटक के राज्य प्रधान बलदवे सिंह घणघस ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों का जून 2021 तक जो डीए काटा है, ये गलत है. उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों और पेंशन धारकों ने कोरोना संकट में एक-एक दिन का वेतन दिया है.

इसके साथ-साथ वे प्रदेश और देश को इस महामारी से बचाने के लिए सरकार के हर आदेशों की प्राथमिकता के आधार पर पालना कर रहे हैं. बलदेव घणघस ने कहा कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर सरकार ने कर्मचारियों और पेंशन धारकों का डीए बंद किया है, लेकिन विधायकों, मंत्रियों, सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों का डीए क्यों नहीं बंद किया गया?

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश और देश में बिजली विभाग के निजीकरण करने, रोडवेज विभाग के निजीकरण करने, कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए बंद करने, कोरोना महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की हो रही अनदेखी आदि मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है.

कर्मचारी नेता सुखदर्शन सरोहा ने कहा कि सरकार मजदूरों की अनदेखी कर रही है. सरकार की अनदेखी के कारण हर रोज प्रवासी मजदूरों को कोरोना महामारी में अपनी जान को जोखिम में डालकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. वहीं सरकार इन मजदूरों को सुविधा देने की बजाए उन पर लाठी चार्ज कर उनकी आवाज को दबा दिया जाता है.

भिवानी: ऐटक ने कर्मचारियों, पेंशन धारक और मजदूरों की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ऐटक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है.

ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए ऐटक के राज्य प्रधान बलदवे सिंह घणघस ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों का जून 2021 तक जो डीए काटा है, ये गलत है. उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों और पेंशन धारकों ने कोरोना संकट में एक-एक दिन का वेतन दिया है.

इसके साथ-साथ वे प्रदेश और देश को इस महामारी से बचाने के लिए सरकार के हर आदेशों की प्राथमिकता के आधार पर पालना कर रहे हैं. बलदेव घणघस ने कहा कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर सरकार ने कर्मचारियों और पेंशन धारकों का डीए बंद किया है, लेकिन विधायकों, मंत्रियों, सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों का डीए क्यों नहीं बंद किया गया?

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश और देश में बिजली विभाग के निजीकरण करने, रोडवेज विभाग के निजीकरण करने, कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए बंद करने, कोरोना महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की हो रही अनदेखी आदि मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है.

कर्मचारी नेता सुखदर्शन सरोहा ने कहा कि सरकार मजदूरों की अनदेखी कर रही है. सरकार की अनदेखी के कारण हर रोज प्रवासी मजदूरों को कोरोना महामारी में अपनी जान को जोखिम में डालकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. वहीं सरकार इन मजदूरों को सुविधा देने की बजाए उन पर लाठी चार्ज कर उनकी आवाज को दबा दिया जाता है.

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