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भिवानी के बाजारों में लौटी रौनक, लोग जमकर कर रहे हैं खरीदारी - haryana news

देवउठनी एकादशी के दिन के शुरू होते ही बाजारों में रौनक लौट गई. इसी के साथ ही शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसके पहले ही दिन हजारों जोड़े विवाह के बंधन बंधते हैं.

devuthani ekadashi festival started in bhiwani
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Published : Nov 9, 2019, 8:57 AM IST

भिवानी: देवउठनी एकादशी के दिन की शुरुआत हो गई है. इस दिन के बाद सारे शुभ कार्य संपंन्न किये जाते हैं. इसके शुरू होते ही बाजारों में रौनक लौट आई. आपको बता दें कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं.

इस दिन होती है शुभ कार्यों की शुरूआत

इसी के साथ ही शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसके पहले ही दिन हजारों जोड़े विवाह के बंधन बंधते हैं. बाजार में विवाह से संबंधित सामग्री की खरीदारी तेज हो गई है. इन दिनों न हलवाई खाली है और न ही टैंट वाला, न कोई धर्मशाला खाली है और न कोई रिजोर्ट. अबूझ सावा होने के कारण जो लोग लेत लतीफी में रह गए, उनको खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

देवउठनी एकादशी की शुरुआत, देखें वीडियो

बाजारों में लौटी रौनक

शुक्रवार सुबह से ही बाजार में गहमा गहमी थी. कोई दुल्हन के लिए गाड़ी सजवा रहा था, तो कोई दुल्हे के लिए सेहरा, नोटों की माला, तलवार व कटार खरीदने में व्यस्त हैं. फूल सज्जा के दुकानदार ने कि देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे के कारण उनके पास न केवल एडवांस बुकिंग है, बल्कि गाड़ी सजवाने के लिए दुकान खुलने से पहले ही कतार लगी हुई हैं. बाजार में उत्साह का माहौल है. हर दुकानदार पिछले कई महीनों से सुस्ती की मार झेल रहा था, लेकिन बाजार में रंगत नजर आ रही हैं.

ये भी जाने- अयोध्या पर फैसलाः पीएम मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की शांति की अपील

ये है इस दिन का महत्व

मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं और सृष्टि का कार्य-भार देखते हैं. सभी मंगल कार्य इस एकादशी से शुरू होते है. कहा जाता है कि इस एकादशी में ही तुलसी विवाह भी किया जाता है. यह दिन तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है और इस दिन पूजन के साथ ही यह कामना की जाती है कि घर में आने वाले मंगल कार्य संपन्न हों.

भिवानी: देवउठनी एकादशी के दिन की शुरुआत हो गई है. इस दिन के बाद सारे शुभ कार्य संपंन्न किये जाते हैं. इसके शुरू होते ही बाजारों में रौनक लौट आई. आपको बता दें कि भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं.

इस दिन होती है शुभ कार्यों की शुरूआत

इसी के साथ ही शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इसके पहले ही दिन हजारों जोड़े विवाह के बंधन बंधते हैं. बाजार में विवाह से संबंधित सामग्री की खरीदारी तेज हो गई है. इन दिनों न हलवाई खाली है और न ही टैंट वाला, न कोई धर्मशाला खाली है और न कोई रिजोर्ट. अबूझ सावा होने के कारण जो लोग लेत लतीफी में रह गए, उनको खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

देवउठनी एकादशी की शुरुआत, देखें वीडियो

बाजारों में लौटी रौनक

शुक्रवार सुबह से ही बाजार में गहमा गहमी थी. कोई दुल्हन के लिए गाड़ी सजवा रहा था, तो कोई दुल्हे के लिए सेहरा, नोटों की माला, तलवार व कटार खरीदने में व्यस्त हैं. फूल सज्जा के दुकानदार ने कि देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे के कारण उनके पास न केवल एडवांस बुकिंग है, बल्कि गाड़ी सजवाने के लिए दुकान खुलने से पहले ही कतार लगी हुई हैं. बाजार में उत्साह का माहौल है. हर दुकानदार पिछले कई महीनों से सुस्ती की मार झेल रहा था, लेकिन बाजार में रंगत नजर आ रही हैं.

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ये है इस दिन का महत्व

मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं और सृष्टि का कार्य-भार देखते हैं. सभी मंगल कार्य इस एकादशी से शुरू होते है. कहा जाता है कि इस एकादशी में ही तुलसी विवाह भी किया जाता है. यह दिन तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है और इस दिन पूजन के साथ ही यह कामना की जाती है कि घर में आने वाले मंगल कार्य संपन्न हों.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानी
दिनांक 8 नवंबर।
कई माह से सुस्ती की मार झेल रहे बाजार में लौटी रौनक
देव जागे तो शुरू हुआ शुभ कार्यो का सिलसिला
देवउठनी एकादशी के अबूझ लगन में बनेंगे हजारों जोड़े
टैंट, हलवाई, बैंड, धर्मशाला व रिजोर्ट नहीं है खाली
चार माह के विश्राम के बाद शुक्रवार को कार्तिक माह की शुकल पक्ष की एकादशी को देवता जागृत हुए तो शुभ कार्यो का सिलसिला भी शुरू हो गया। देवउठनी एकादशी के दिन शुक्रवार को हजारों जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे। अबूझ सावा होने के कारण न हलवाई खाली है और न ही टैंट वाला, न कोई धर्मशाला खाली है और न कोई रिजोर्ट।
अबूझ सावा होने के कारण जो लोग लेत लतीफी में रह गए, उनको खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। शुक्रवार सुबह से ही बाजार में गहमा गहमी थी। कोई दुल्हन के लिए गाड़ी सजवा रहा था तो कोई दुल्हे के लिए सेहरा, नोटों की माला, तलवार व कटार खरीदने में व्यस्त हैं।
Body:बाजार में विवाह से संबंधित सामग्री के विके्रेता अरूण गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मारवाड़ी सेहरा, जोधपुरी पगड़ी इस बार दुल्हों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस बार उनके पास विवाह से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध हैं।
Conclusion: फूल सज्जा करने वाले सूरज सोलंकी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे के कारण उनके पास न केवल एडवांस बुकिंग है, बल्कि गाड़ी सजवाने के लिए दुकान खुलने से पहले ही कतार लगी हुई हैं। बाजार में उत्साह का माहौल है। हर दुकानदार पिछले कई महीनों से सुस्ती की मार झेल रहा था, लेकिन बाजार में रंगत नजर आ रही हैं।
बाईट : अरूण गुप्ता एवं सूरज सोलंकी दुकानदार।
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