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महाशिवरात्रि 2023: हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजा शिव दरबार, भक्तों ने गंगाजल चढ़ाकर मनाया उत्सव

आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. शिवालयों में श्रद्धालुओं के हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं. भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी आस्था को प्रकट कर रहे हैं.

Mahashivratri 2023
महाशिवरात्रि 2023
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Published : Feb 18, 2023, 1:58 PM IST

भिवानी: छोटी कांशी भिवानी के शिव मंदिरों में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान छोटी काशी के करीबन 350 मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर भगवान शिव का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया. महाशिवरात्रि का पर्व देवाधिदेव महादेव त्रयंबकेश्वर और देवी पार्वती के शुभ विवाह को लेकर मनाया जाता है.

महाशिवरात्रि का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हुए थे. जिसके चलते देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. हर छोटे-बड़े मंदिरों में इसे मनाया जाता है. महाशिवरात्रि 2023 पर श्रद्धालु महादेव की पूरे विधि-विधान से पूजा करते है और व्रत रखकर सुख, शांति व समृद्धि की कामना करते हैं.

यह भी पढ़ें-Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर बना विशेष संयोग, शनि प्रदोष व्रत होने से भक्तों पर बरस रही विशेष कृपा, जानिए शुभ मुहूर्त


भिवानी के जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज और हनुमान जोड़ी मंदिर के महंत चरणदास ने अपने विचार प्रकट किए. महंत ने बताया कि भगवान शिव की आराधना करने से वह जल्द ही खुश हो जाते हैं. भगवान त्रिकालदर्शी हैं. उन्हें भूत भविष्य का सारा सार पता होता है. भगवान भोलेनाथ कण-कण में वास करते हैं. उनकी आराधना करने से रोग, दोष, पाप, अधर्म दूर रहते है. साथ मनुष्य की हर मनोकामना को वो पूरा करते हैं.


महंत बताते हैं कि आज ही के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था. माता पार्वती ने कठोर साधना करके भगवान शिव की प्राप्ति की थी. इसीलिए मान्यता यह भी है कि अगर कुंआरी कन्या भगवान शिव का पूरी आस्था के साथ व्रत और पूजा पाठ करती हैं तो उन्हें मनोवांक्षित वर की प्राप्ति होती है.

भिवानी: छोटी कांशी भिवानी के शिव मंदिरों में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान छोटी काशी के करीबन 350 मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर भगवान शिव का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया. महाशिवरात्रि का पर्व देवाधिदेव महादेव त्रयंबकेश्वर और देवी पार्वती के शुभ विवाह को लेकर मनाया जाता है.

महाशिवरात्रि का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हुए थे. जिसके चलते देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. हर छोटे-बड़े मंदिरों में इसे मनाया जाता है. महाशिवरात्रि 2023 पर श्रद्धालु महादेव की पूरे विधि-विधान से पूजा करते है और व्रत रखकर सुख, शांति व समृद्धि की कामना करते हैं.

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भिवानी के जोगीवाला मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज और हनुमान जोड़ी मंदिर के महंत चरणदास ने अपने विचार प्रकट किए. महंत ने बताया कि भगवान शिव की आराधना करने से वह जल्द ही खुश हो जाते हैं. भगवान त्रिकालदर्शी हैं. उन्हें भूत भविष्य का सारा सार पता होता है. भगवान भोलेनाथ कण-कण में वास करते हैं. उनकी आराधना करने से रोग, दोष, पाप, अधर्म दूर रहते है. साथ मनुष्य की हर मनोकामना को वो पूरा करते हैं.


महंत बताते हैं कि आज ही के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था. माता पार्वती ने कठोर साधना करके भगवान शिव की प्राप्ति की थी. इसीलिए मान्यता यह भी है कि अगर कुंआरी कन्या भगवान शिव का पूरी आस्था के साथ व्रत और पूजा पाठ करती हैं तो उन्हें मनोवांक्षित वर की प्राप्ति होती है.

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