भिवानी: अब भिवानी सामान्य अस्पताल में ही ब्लड के सभी कंपोनेंट को अलग करने की व्यवस्था होगी और मरीजों को इसका सीधा फायदा होगा. सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि मरीजों को ब्लड के जिस कंपोनेंट की जरूरत होगी वो ही दिया जा सकेगा न की पूरा ही ब्लड दिया जाएगा. इसका एक और बड़ा फायदा ये होगा कि एक यूनिट ब्लड से 3 मरीजों को रक्त कंपोनेंट की पूर्ति हो सकती है.
एक यूनिट से बचाई जाएगी तीन मरीजों की जान
इसके लिए ब्लड बैंक में दो ब्लड कंपोनेंट सप्रेशन नई मशीनें आई हैं, इन्हें जल्द ही इंस्टॉल कर शुरू किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के पीएमओ रघुवीर शाडिलय ने बताया कि मानव के रक्त में प्लाज्मा प्लेटलेट्स,पेक्ट रेड ब्लड सेल्स सिरम आरबीसी नाम के कंपोनेंट होते हैं, जिनसे खून की एक यूनिट से 3 रोगियों की जान बचाई जा सकती है.
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उन्होंने बताया कि अब तक सामान्य अस्पताल मे सिर्फ वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ही कार्य चल रहा था. यानी किसी मरीज को प्लेटलेट की जरूरत है तो उसे फेस ब्लड दे दिया जाता था. अन्य मामलों जैसे प्लाज्मा रेड ब्लड सेल्स, सीरम, आरसीबी की जरूरत पर भी पूरा ब्लड चढ़ाया जाता था. ऐसे में ब्लड की एक यूनिट जो तीन मरीजों के काम आ सकती थी उसे एक ही मरीज को चढ़ाया जाता था.
'सामान्य अस्पताल को बनाया जाएगा जिला रक्त कोष विभाग'
उन्होंने बताया कि भिवानी सामान्य अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक को जिला स्तर का रक्त कोष विभाग बनाने की तैयारी चल रही है. सरकारी अस्पताल में दाखिल मरीजों को ब्लड की जरूरत पड़ने पर ब्लड बैंक से नि:शुलक रक्त दिया जाता है. जबकि प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए रक्त की जरूरत पड़ने पर 1050 की फीस निर्धारित की गई है.