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CET के क्वालीफाइंग नेचर में बदलाव की मांग, बेरोजगार युवाओं ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

बेरोजगार युवाओं ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर सीईटी पास सभी परीक्षार्थियों को (CET qualifying criteria) स्क्रीनिंग परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग की है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री को प्रतिनिधिमंडल की ओर से ज्ञापन दिया गया.

cet qualifying criteria
CET के क्वालीफाइंग नेचर में बदलाव की मांग
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Published : May 6, 2023, 4:01 PM IST

भिवानी: बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधिमंडल ने आईसीएस संस्थापक परिमल के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात की और उन्हें विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. बेरोजगार युवा सीईटी की दूसरी परीक्षा में कुल पदों के चार गुना विद्यार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति की शर्त को हटाने की मांग कर रहे हैं. जिससे सीईटी पास सभी विद्यार्थियों को स्क्रीनिंग परीक्षा में बैठने का अवसर मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने सीईटी का स्लेबस व पैटर्न निर्धारित किए जाने की मांग की.

ज्ञापन के जरिए विद्यार्थियों ने नई पुलिस भर्ती में आयु छूट देने, परीक्षा कलेंडर जारी करने और एचकेआरएम को बंद कर हरियाणा में स्थायी भर्ती शुरू करने की मांग की. इस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इन मांगों पर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर समस्या का समाधान कराने की बात कही. ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 28 अप्रैल को सोनीपत में होने वाले महाआंदोलन को सरकार के आश्वासन व आईसीएस संस्थापक परिमल के आग्रह पर स्थगित किया गया था.

पढ़ें : हरियाणा CM के जन्मदिन को युवाओं ने बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया, दीपेंद्र हुड्डा ने भी किया ट्वीट

यदि जल्द ही इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो प्रदेश भर के बेरोजगार युवा दोबारा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. ज्ञापन के माध्यम से परिमल ने कहा कि सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए अनिवार्य की गई, सीईटी की पहली परीक्षा पिछले वर्ष 5 व 6 नवंबर को हुई थी. जिसके लिए अभ्यार्थियों ने कड़ी मेहनत की तथा परीक्षा को पास किया. पास परीक्षार्थियों के स्कोर कार्ड पर क्वालीफाईड भी दर्शाया गया था.

इसके बावजूद सरकार ने सीईटी की परीक्षा में सामान्य वर्ग के 50 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के 40 प्रतिशत का कोटा निर्धारित करने के साथ-साथ टॉपर के चार गुना बच्चों को ही दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने की शर्त जबरदस्ती थौंपी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद सीईटी पास युवाओं में खासा रोष है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपने इस फैसले पर अडिग रहती है तो बहुत से युवा रोजगार के अधिकार से ही वंचित हो जाएंगे.

पढ़ें : शिक्षा क्षेत्र में हरियाणा सरकार की अनोखी पहल, धार्मिक स्थानों से बच्चों की पढ़ाई का बजेगा अलार्म

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऐसा कर मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बेरोजगार युवाओं को उपरोक्त मांगों को मानकर उन्हें रोजगार करने का अवसर प्रदान किया जाए ताकि युवाओं की इतने वर्षों की मेहनत खराब ना हो. इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से बात कर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाएंगे. उन्होंने कहा कि वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश के सभी पास अभ्यर्थियों को सीईटी की दूसरी परीक्षा देने का अवसर मिले. प्रतिनिधिमंडल में भिवानी से रविंद्र मालिक, प्रवीण कुमार, मंजीत खटकड़, अमित जांगड़ा, पवन कुमार भी शामिल रहे.

भिवानी: बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधिमंडल ने आईसीएस संस्थापक परिमल के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात की और उन्हें विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. बेरोजगार युवा सीईटी की दूसरी परीक्षा में कुल पदों के चार गुना विद्यार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति की शर्त को हटाने की मांग कर रहे हैं. जिससे सीईटी पास सभी विद्यार्थियों को स्क्रीनिंग परीक्षा में बैठने का अवसर मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने सीईटी का स्लेबस व पैटर्न निर्धारित किए जाने की मांग की.

ज्ञापन के जरिए विद्यार्थियों ने नई पुलिस भर्ती में आयु छूट देने, परीक्षा कलेंडर जारी करने और एचकेआरएम को बंद कर हरियाणा में स्थायी भर्ती शुरू करने की मांग की. इस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इन मांगों पर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर समस्या का समाधान कराने की बात कही. ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 28 अप्रैल को सोनीपत में होने वाले महाआंदोलन को सरकार के आश्वासन व आईसीएस संस्थापक परिमल के आग्रह पर स्थगित किया गया था.

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यदि जल्द ही इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो प्रदेश भर के बेरोजगार युवा दोबारा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. ज्ञापन के माध्यम से परिमल ने कहा कि सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए अनिवार्य की गई, सीईटी की पहली परीक्षा पिछले वर्ष 5 व 6 नवंबर को हुई थी. जिसके लिए अभ्यार्थियों ने कड़ी मेहनत की तथा परीक्षा को पास किया. पास परीक्षार्थियों के स्कोर कार्ड पर क्वालीफाईड भी दर्शाया गया था.

इसके बावजूद सरकार ने सीईटी की परीक्षा में सामान्य वर्ग के 50 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के 40 प्रतिशत का कोटा निर्धारित करने के साथ-साथ टॉपर के चार गुना बच्चों को ही दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने की शर्त जबरदस्ती थौंपी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद सीईटी पास युवाओं में खासा रोष है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपने इस फैसले पर अडिग रहती है तो बहुत से युवा रोजगार के अधिकार से ही वंचित हो जाएंगे.

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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऐसा कर मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बेरोजगार युवाओं को उपरोक्त मांगों को मानकर उन्हें रोजगार करने का अवसर प्रदान किया जाए ताकि युवाओं की इतने वर्षों की मेहनत खराब ना हो. इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से बात कर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाएंगे. उन्होंने कहा कि वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश के सभी पास अभ्यर्थियों को सीईटी की दूसरी परीक्षा देने का अवसर मिले. प्रतिनिधिमंडल में भिवानी से रविंद्र मालिक, प्रवीण कुमार, मंजीत खटकड़, अमित जांगड़ा, पवन कुमार भी शामिल रहे.

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