भिवानी: कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. वहीं भारत में भी 21 दिनों तक लॉकडाउन है. ऐसे में आमजन के साथ सबसे ज्याजा परेशानी प्रवासी मजदूरों को है. जो काम बंद होने के चलते भूखे मरने की कागार पर हैं.
भिवानी में ऐसे लोगों के लिए हर रोज सामाजिक संस्थाएं व पुलिस मदद के लिए आगे आ रही है और इन्हें भोजन व राशन बांट कर मानवता का परिचय दे रही है. भिवानी में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं जो रोजाना मजदूरी करके या कुड़ा बिन कर अपना पेट भरते हैं.
मानवता का परिचय दे रहे ये लोग
कोरोना के कहर के चलते हुए लॉकडाउन में ऐसे लोगों को रोटी के लाले पड़ गए हैं, लेकिन छोटी कांशी कहे जाने वाले भिवानी में ऐसा कुछ नहीं है. क्योंकि यहां हर रोज अनेक सामाजिक, शैक्षिक व धार्मिक संस्थाएं और पुलिस विभाग का इन गरीब मजदूरों का पेट भर रहे हैं.
बात करें सिटी स्टेशन की, जहां हजारों प्रवासी मजदूर रहते हैं. यहां शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन ने पुलिस के साथ मिलकर इन मजदूरों को हर रोज पका पकाया भोजन देने की व्यवस्था की है. संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार ने पुलिस इंस्पेक्टर श्री भगवान के साथ मिलकर इन प्रवासी मजदूरों को पहले मास्क बांटे और फिर भोजन.
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एडवोकेट बृजपाल परमार और इंस्पेक्टर श्री भगवान ने बताया कि भिवानी में किसी भी प्रवासी या स्थानिय मजदूर व जरूरतमंद को भूखे पेट सोने पर मजबूर नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस संकट की घड़ी में वो ऐसे जरूरतमंद लोगों को हर रोज भोजन देने की व्यवस्था कर रहे हैं.