ETV Bharat / state

भिवानी के इस गांव में पुरातत्व विभाग कर रहा खुदाई, मिल सकते हैं हड़प्पा के अवशेष

भिवानी के गांव तिगड़ाना में पुरातत्व विभाग की ओर खुदाई की जा रही है. उम्मीद है कि यहां हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिल सकते हैं.

author img

By

Published : Feb 22, 2020, 11:15 AM IST

Updated : Feb 22, 2020, 11:32 AM IST

Archaeological Department surveying in bhiwani tigdana village
Archaeological Department surveying in bhiwani tigdana village

भिवानी: गांव तिगड़ाना में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग की ओर से की जा रही खुदाई से कई ऐतिहासिक तथ्यों की सच्चाई उजागर होने की उम्मीद है. हड़प्पा की इस खुदाई में चार प्रोफेसर और 25 शोध छात्रों की टीम लगी है. प्रो.अमर सिंह ने बताया कि गांव तिगड़ाना के इस किले की खोज प्रोफेसर सूरजभान ने 1970 में की थी.

उसके बाद 2016 में इसका निरीक्षण किया गया और अब 26 जनवरी से इस पर रिसर्च कार्य शुरू किया गया है, जो कि अप्रैल महीने तक चलेगा. इस पूरे कार्य की अगुवाई प्रोफेसर नरेंद्र परमार द्वारा की जा रही है. इससे पहले जो निरीक्षण किया गया था. उसमें उन्हें मनके जैसे आभूषण मिले थे, जिससे अनुमान है कि यहां पर कोई बड़ा उद्योग हो सकता है.

भिवानी के इस गांव में पुरातत्व विभाग कर रहा खुदाई, देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- AIMIM नेता वारिस पठान की जीभ काटने वाले को 20 लाख का इनाम- ATFI अध्यक्ष

प्रो.अमरसिंह का कहना है कि 5000 साल पहले हड़प्पा के लोग घरेलू कार्यों के लिए मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करते थे, जबकि कृषि में पत्थर और तांबे की वस्तुओं का इस्तेमाल होता था. पुरातत्व विभाग के शोधार्थी उन कारणों को भी ढूंढ रहे हैं, जिनकी वजह से हड़प्पा कालीन सभ्यता में तब्दील होकर रह गई.

इन विश्वविद्यालयों के छात्रों को दी जा रही है ट्रेनिंग

प्रोफेसर नरेंद्र परमार ने बताया कि इस कार्य के लिए महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने गांव गुजरानी के लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ग्रामीण लोगों का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है.

गौरतलब होगा की यूं तो भिवानी के खनक, तिगड़ाना मानेहरू और मिताथल में भी शोध का हो चुका, लेकिन तिगड़ाना में फिर से खुदाई की जा रही है. हड़प्पा कालीन सभ्यता हरियाणा की विकसित सभ्यता में से एक रही है. भिवानी में सभ्यता के अवशेष मिलना मानव इतिहास की खोज में कारगर साबित होगी.

भिवानी: गांव तिगड़ाना में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग की ओर से की जा रही खुदाई से कई ऐतिहासिक तथ्यों की सच्चाई उजागर होने की उम्मीद है. हड़प्पा की इस खुदाई में चार प्रोफेसर और 25 शोध छात्रों की टीम लगी है. प्रो.अमर सिंह ने बताया कि गांव तिगड़ाना के इस किले की खोज प्रोफेसर सूरजभान ने 1970 में की थी.

उसके बाद 2016 में इसका निरीक्षण किया गया और अब 26 जनवरी से इस पर रिसर्च कार्य शुरू किया गया है, जो कि अप्रैल महीने तक चलेगा. इस पूरे कार्य की अगुवाई प्रोफेसर नरेंद्र परमार द्वारा की जा रही है. इससे पहले जो निरीक्षण किया गया था. उसमें उन्हें मनके जैसे आभूषण मिले थे, जिससे अनुमान है कि यहां पर कोई बड़ा उद्योग हो सकता है.

भिवानी के इस गांव में पुरातत्व विभाग कर रहा खुदाई, देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- AIMIM नेता वारिस पठान की जीभ काटने वाले को 20 लाख का इनाम- ATFI अध्यक्ष

प्रो.अमरसिंह का कहना है कि 5000 साल पहले हड़प्पा के लोग घरेलू कार्यों के लिए मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करते थे, जबकि कृषि में पत्थर और तांबे की वस्तुओं का इस्तेमाल होता था. पुरातत्व विभाग के शोधार्थी उन कारणों को भी ढूंढ रहे हैं, जिनकी वजह से हड़प्पा कालीन सभ्यता में तब्दील होकर रह गई.

इन विश्वविद्यालयों के छात्रों को दी जा रही है ट्रेनिंग

प्रोफेसर नरेंद्र परमार ने बताया कि इस कार्य के लिए महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने गांव गुजरानी के लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ग्रामीण लोगों का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है.

गौरतलब होगा की यूं तो भिवानी के खनक, तिगड़ाना मानेहरू और मिताथल में भी शोध का हो चुका, लेकिन तिगड़ाना में फिर से खुदाई की जा रही है. हड़प्पा कालीन सभ्यता हरियाणा की विकसित सभ्यता में से एक रही है. भिवानी में सभ्यता के अवशेष मिलना मानव इतिहास की खोज में कारगर साबित होगी.

Last Updated : Feb 22, 2020, 11:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.