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भिवानी में आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन, मनोहर लाल सरकार का जलाकर जताया रोष

आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Aanganwadi workers Protest in Bhawani) ने गुरुवार को भिवानी में प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जहां आंगनबाड़ी वर्कर्स ने प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

हरियाणा में आंगनवाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन
भिवानी में आंगनवाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन
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Published : Feb 10, 2022, 5:45 PM IST

भिवानी: हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स का प्रदर्शन लगातार 8 दिसंबर से जारी है. शुक्रवार को 65वें दिन भी आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन जारी रहा. आंदोलन के 65 दिन होने पर तय कार्यक्रम के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कर्स भिवानी के दिनोद गेट, हनुमान ढाणी में एकजुट हुई और अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा. साथ ही प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Anganwadi workers protest in Bhiwani) की मनोहर लाल सरकार के पुतले जलाकर रोष प्रकट किया.

यूनियन नेता नरेश शर्मा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है. सरकार की नीतियों के चलते जंहा एक तरफ महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार जनता की कल्याणकारी योजनाओं के बजट में लगातार कटौती कर रही है. इस साल के बजट में सरकार ने पूर्ण रूप से जनता विरोधी व कोरपोरेट हितैषी के हित के लिए बजट पास किया है. इस बजट में जंहा कोरपोरेट ट्रैक्स को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है वही दूसरी ओर आई.सी.डी.एस के लिए कोई खास बढौतरी नही की. बल्कि जनता पर ओर ज्यादा मंहगाई व बेरोजगारी के बोझ को लादने का ही काम किया हैं.

यह भी पढ़ें - आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स से मिलने पहुंचे नवीन जयहिंद, हड़ताल का किया समर्थन

यूनियन नेता गीता ने कहा की सरकार के दबाव में सुपरवाईजर आंगनबाडी कर्मीयों के घर-घर जाकर दबाव बना रही है की हड़ताल छोड़ दे. जिसके चलते यूनियन विरोध कर रही है उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी आंगनबाडी कर्मी ने दबाव में कोई गलत कदम उठा लिया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारीयों व सुपरवाईजर की होगी. जिसका परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ेगा.गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम पहुंचे सीएम मनोहर लाल का आंगनवाड़ी वर्कर्स ने की घेराव की कोशिश, पुलिस ने खदेड़ा, एक वर्कर गंभीर

इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं.हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनवाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

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भिवानी: हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स का प्रदर्शन लगातार 8 दिसंबर से जारी है. शुक्रवार को 65वें दिन भी आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन जारी रहा. आंदोलन के 65 दिन होने पर तय कार्यक्रम के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कर्स भिवानी के दिनोद गेट, हनुमान ढाणी में एकजुट हुई और अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा. साथ ही प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Anganwadi workers protest in Bhiwani) की मनोहर लाल सरकार के पुतले जलाकर रोष प्रकट किया.

यूनियन नेता नरेश शर्मा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है. सरकार की नीतियों के चलते जंहा एक तरफ महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार जनता की कल्याणकारी योजनाओं के बजट में लगातार कटौती कर रही है. इस साल के बजट में सरकार ने पूर्ण रूप से जनता विरोधी व कोरपोरेट हितैषी के हित के लिए बजट पास किया है. इस बजट में जंहा कोरपोरेट ट्रैक्स को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है वही दूसरी ओर आई.सी.डी.एस के लिए कोई खास बढौतरी नही की. बल्कि जनता पर ओर ज्यादा मंहगाई व बेरोजगारी के बोझ को लादने का ही काम किया हैं.

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यूनियन नेता गीता ने कहा की सरकार के दबाव में सुपरवाईजर आंगनबाडी कर्मीयों के घर-घर जाकर दबाव बना रही है की हड़ताल छोड़ दे. जिसके चलते यूनियन विरोध कर रही है उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी आंगनबाडी कर्मी ने दबाव में कोई गलत कदम उठा लिया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारीयों व सुपरवाईजर की होगी. जिसका परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ेगा.गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

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इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं.हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनवाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

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